सरकारी एजेंसियों से नहीं चल रहे शराब ठेके, विभाग का फैसला, अब हर महीने होती रहेगी नीलामी
शिमला – नितिश पठानियां
शराब के ठेकों को सरकारी एजेंसियों को देकर सरकार ने इस बार नया प्रयोग किया है, मगर इसका नतीजा उतना बेहतर नहीं निकल रहा जैसा सोचा गया था। सरकारी एजेंसियों को इस काम में नुकसान हो रहा है और जहां उन्होंने ठेके खोले थे, उसमें से बहुत ठेके ऐसे हैं, जो सही तरह से चल पाए हैं।
ऐसे में सरकार ने तय किया है कि शराब ठेकों की नीलामी का दौर जारी रहेगा। हर महीने राज्य कर एवं आबकारी विभाग शराब ठेकों की नीलामी करता रहेगा। उन्हीं शराब ठेकों को बेचने के लिए टेंडर कम ऑक्शन की प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जो सरकारी एजेंसियों को दे रखे हैं। इनमें से जो बिकेंगे, उनको सरकारी एजेंसी छोड़ देगी और शेष ठेकों को चलाती रहेगी।
राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने इन शराब ठेकों की बिक्री के लिए यह नया फार्मूला बनाया है। इसमें शराब ठेकेदारों के लिए राहत यह रहेगी कि जितने महीने बीत जाएंगे, उनकी लाइसेंस फीस नहीं ली जाएगी। यह लाइसेंस फीस कम होती रहेगी। माह दर माह यह लाइसेंस फीस घटती रहेगी, जिससे ठेकेदारों का भी रूझान बढ़ेगा। इससे पहले इसी महीने राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने नीलामी रखी थी, जिसमें बताया जाता है कि आठ शराब ठेके बिके हैं।
यहां बता दें कि सरकारी एजेंसियों को घाटा हो रहा है और यह एजेंसियां कर्जदार बन रही हैं। इसमें नगर निगम शिमला को अब तक 2.38 करोड़ रुपए तक का कर्जा चढ़ गया है, जो कि अप्रैल महीने की लाइसेंस फीस राज्य कर एवं आबकारी विभाग को नहीं दे सका है।
इसी तरह से एचपीएमसी के पास कर्मचारी नहीं हैं और अपने कर्मचारी जो इन शराब ठेकों में उसने लगाए हैं, उनको प्रोत्साहन देने के लिए प्रति बोतल 10 रुपए की राशि भी उनके लिए रखी गई है, मगर बात नहीं बन रही है। ऐसा ही हाल दूसरे निगमों का भी है।
सरकार ने सिविल सप्लाई कारपोरेशन, वन विकास निगम, हिमफेड को भी शराब ठेके दिए हैं, वहीं जीआईसी व एसआईडीसी भी शराब ठेके चला रहे हैं। ये सभी एजेंसियां इस काम में विशेषज्ञ नहीं है और इनके लिए यह नया काम है, जिसके चलते शुरुआत में उनको नुकसान भी हो रहा है।
अब राज्य कर एवं आबकारी विभाग हर महीने नीलामी करेगा और जो-जो ठेके निजी ठेकेदार लेंगे, वे इन एजेंसियों से कम होते जाएंगे। माना जा रहा है आने वाले समय में इन सरकारी एजेंसियों को राहत मिल जाएगी, वहीं आबकारी विभाग के ठेके भी बिक जाएंगे।