लंज: निजी सम्वाददाता
शिवाजी युवा क्लब व प्रजापति महिला मंडल ने मनेई में शहीदों के बलिदान को याद किया गया ।युवा क्लब के प्रधान रिशु भारद्वाज विशाल भारद्वाज, राहुल पटियाल, हनी प्रजापति महिला मंडल से सुनीता भारद्वाज ,रेखा ,रेनू,उषा,सुमना देवी, गिरधारी लाल सहित कई गणमान्यों ने शहीदों की कुर्बानी को याद किया और श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
वहीँ शिवाजी क्लव के अध्यक्ष ने बताया कि भारत की स्वतंत्रता के लिए 23 मार्च खास महत्व रखता है। भारत इस दिन को हर वर्ष शहीद दिवस के रूप में मनाता है। वर्ष 1931 में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को 23 मार्च के ही दिन फांसी दी गई थी। शहीद-ए-भगत सिंह को फांसी मिलने के बाद 24 मार्च, 1924 की सुबह में सभी लोगों में अफरा-तफरी मची हुई थी। मौत का सच जानने के लिए लोग यहां-वहां भाग रहे थे और अखबार तलाश रहे थे।
उस सुबह जिन लोगों को अखबार मिला उन्होंने काली पट्टी वाली हेडिंग के साथ यह खबर पढ़ी कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को लाहौर सेंट्रल जेल में पिछली शाम 7:33 पर फांसी दे दी गई। वह सोमवार का दिन था। ऐसा कहा जाता है कि उस शाम जेल में पंद्रह मिनट तक इंकलाब जिंदाबाद के नारे गूंज रहे थे।23 मार्च 1931 को ही भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव देश की आजादी के लिए फांसी को गले लगा लिया था।
इस अवसर पर विशाल,अरुण,दिनेश,अभय, साहिल ,प्रवेश, मौजूद रहे.