साल 2016 में 500 किलोवाट की परियोजना को हिम ऊर्जा ने किया था मंजूर
शाहपुर – नितिश पठानियां
जिला कांगड़ा शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत बोह पंचायत में साल 2016 में 500 किलोवाट का महाराजा हाईड्रो प्रोजेक्ट मंजूर हुआ था। इसके मालिक कर्ण परमार और जरम सिंह व जीएम विपुल कुमार ने धर्मशाला में प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट को पिछले छह सालों से ज्यादा समय के बाद भी प्रशासन ने अनुमति नहीं दी है, जबकि प्रोजेक्ट प्रबंधन ने सारी औपचारिकताएं पूरी की हैं।
प्रोजेक्ट प्रबंधकों ने बताया कि 19 दिसंबर 2016 को हिमाचल सरकार की एजेंसी हिम ऊर्जा ने इस प्रोजेक्ट को अनुमति दी है। प्रोजेक्ट लघु है, और इसे कूहल में लगाया जाना है, जिसका बजट भी आठ से नौ करोड़ प्रस्तावित किया गया। इसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट नौ अक्टॅूबर 2017 को मंजूर हुई थी।
इसी साल उपायुक्त कांगड़ा ने एनओसी लेने के लिए इन्हें लैटर जारी किया था। प्रोजेक्ट मालिकों ने नौ विभागों से एनओसी ली है, लेकिन प्रबंधकों को एसडीएम शाहपुर ने एनओसी नहीं दी। इसकी ज्वाइंट इंस्पेक्शन का मौका डीएफओ धर्मशाला, एसडीएम शाहपुर के साथ 27 फरवरी 2018 को रखा गया था।
हैरानी की बात है कि नौ विभागों ने अनुमति दे दी। इसमें डीएफओ, पटवारी, तहसीलदार, आरओ, पीडब्ल्यूडी आदि ने लिखा है कि प्रोजेक्ट उचित है। लेकिन तत्कालीन शाहपुर के अधिकारी ने ज्वाइंट इंस्पेक्शन नहीं की। साथ ही इस प्रोजेक्ट को एनओसी नहीं दी।
प्रोजेक्ट प्रबंधकों का कहना है कि ज्वाइंट इंस्पेक्शन को दरकिनार करते हुए तत्कालीन अधिकारी ने स्पाट इंस्पेक्शन करके ही उनकी अनुमति नहीं दी, जबकि कायदे अनुसार ज्वाइंट इंस्पेक्शन की जानी थी। प्रोजेक्ट प्रबंधकों के अनुसार उनके पास प्रोजेक्ट से जुड़ी हर औपचारिकता पूरी है।
इन छह सालों में प्रोजेक्ट प्रबंधकों का लाखों रुपए विभिन्न कार्रवाइयों पर खर्च हुआ है। उन्होंने जिला प्रशासन से गुहार लगाते हुए प्रोजेक्ट प्रबंधकों ने न्याय पाने के लिए उपायुक्त कांगड़ा से चार बार लिखित पत्राचार किया और दो बार मौखिक पत्राचार किया।
उन्होंने प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन से आग्रह है कि इस प्रोजेक्ट को तुरंत अनुमति प्रदान की जाए। उन्होंने सरकार से भी उचित कार्रवाई किए जाने की मांग रखी है।