मंडी – अजय सूर्या
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की शाला पंचायत के शाला गांव में जलशक्ति विभाग के स्टोर टैंक से ज्यूणी खड्ड तक जाने वाले पुराने नाले पर अवैध अतिक्रमण एक बड़ी समस्या बन गया है। स्थानीय लोगों द्वारा किए गए इस कब्जे से नाले की चौड़ाई काफी कम हो गई है, जिसके चलते बारिश के मौसम में जल निकासी बाधित हो रही है। इससे पानी खेतों और सड़कों पर बहता है, जिससे भारी नुकसान का खतरा बढ़ गया है।
अतिक्रमण से बढ़ी परेशानी
राइट फाउंडेशन यूनिट नाचन के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह ने इस गंभीर मुद्दे को उठाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय, उपायुक्त मंडी और उपमंडलाधिकारी गोहर को शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में नाले के खसरा नंबर 91 (सड़क मार्ग के पास) और 384 (गांव में) पर हुए अतिक्रमण को तत्काल हटाने की मांग की गई है। उनका कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो बरसात में बड़ा नुकसान हो सकता है।
सड़क और खेतों को नुकसान
शाला पंचायत ने इस नाले के किनारे सड़क निर्माण कराया था, लेकिन अतिक्रमण और संकरे नाले के कारण यह सड़क भी प्रभावित हो रही है। बरसात के दिनों में पानी सड़क पर बहने से आवागमन में दिक्कत होती है और खेतों को भी नुकसान पहुंचता है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन को जल्द कदम उठाना चाहिए, ताकि इस समस्या का स्थायी समाधान हो सके।
प्रशासन से उम्मीद, हाई कोर्ट जाने की चेतावनी
क्षेत्रवासियों ने प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की उम्मीद जताई है। नरेंद्र सिंह ने चेतावनी दी है कि यदि बरसात से पहले अतिक्रमण नहीं हटाया गया, तो वह हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। अब सबकी नजर इस बात पर है कि प्रशासन इस शिकायत पर कब तक संज्ञान लेता है और अवैध कब्जों को हटाने के लिए क्या कदम उठाता है।
एस डी एम गोहर के बोल
ज़ब इस बारे में एस डी एम गोहर लक्ष्मण कनेट से बात की तो उन्होंने कहा यह मामला मेरे संज्ञान में आया है जल्द ही इस मामले में लॉ के अनुसार उचित कार्यवाही की जाएगी।