महंगाई के चलते सिरमौर के नाया पंजोड़ क्षेत्र के पांच गांवों से सर्वसम्मति से पारित किया प्रस्ताव।
सिरमौर – नरेश कुमार राधे
आधुनिकता के दौर में लगातार बढ़ रही महंगाई व ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब लोगों पर पड़ रहे इसके बुरे प्रभाव को किस प्रकार समाप्त किया जाए।
इस दिशा में जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के नाया पंजोड़ पंचायत में पांच गांव में ग्रामीणों व बुद्धिजीवी लोगों ने फैसला लिया है कि कुछ पुरानी पंरपराओं को समाप्त किया जाएगा।
इसके तहत ग्रामीणों ने गांव की एक संयुक्त बैठक में निर्णय लिया है कि आधुनिकता के दौर में शादी विवाह के दौरान अत्याधिक खर्चों को कम किया जाएगा।
ग्राम पंचायत नाया पंजोड़ के पांच गांव तादियों, कफेनु, कुकड़ेच, नाया व ठोंठा के सभी बुद्धिजीवी वर्ग ने बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि शादी विवाह के दौरान आयोजित धाम में जो शराब परोसी जाती है उस पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
इसके अलावा शादी विवाह के दौरान जो प्रत्येक घर से खाना बनाने के दौरान रोटी बनाने के लिए महिलाओं को बुलाया जाता है उसमें रूटीयारी बनाने की प्रथा को भी बंद किया जाएगा।
उसके स्थान पर सभी खाना बनाने वाली महिला व खाना बनाने वाले पुरुष सभी टोलुवा को सामूहिक भोजन रहेगा।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि गांव की लड़कियों व उनके बच्चों के लिए जो परंपरा गांव में माघी त्योहार, बूढ़ी दिवाली व अन्य पर्व के लिए बनाई गई है उन परंपराओं को भी पूरी तरह से बंद किया जाएगा।
ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से यह भी निर्णय लिया कि दणाती व सोइताटी जो ले जाते हैं उनके लिए 200 रुपए का रिवाज व आने जाने की किराए की व्यवस्था दूरी के हिसाब से तय की जाएगी।
स्थानीय निवासी रणदीप शर्मा ने बताया कि पांच गांव के लोगों की संयुक्त बैठक में कुछ पुरानी परंपराओं को तोडऩे का निर्णय लिया गया है, ताकि गरीब परिवार पर इस बोझ से छुटकारा मिल सके।
क्षेत्र के पांच गांव के इस निर्णय की आसपास के गांव में भी सराहना की जा रही है।