हमीरपुर- अनिल कपलेश
अगस्त 2020 में जम्मू-कश्मीर के राजौरी में नियंत्रण रेखा पर आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के रोहिन कुमार (25) को मरणोपरांत सेना मेडल दिया गया है। अदम्य साहस और विशिष्ट वीरता के लिए मिला यह मेडल रोहिन के पिता रसील सिंह ने बीते बुधवार को उधमपुर में आयोजित सेना के एक कार्यक्रम में लिया है।
उपमंडल नादौन के गलोड़ खास गांव के रोहिन कुमार जब आतंकियों पर अपनी मीडियम मशीनगन से आक्रमण कर रहे थे, उसी दौरान उन्हें गोली लग गई। घायल अवस्था में भी रोहिन अदम्य साहस का परिचय देते हुए आतंकियों से लोहा लेते रहे और फायरिंग करते रहे।
इसी बीच देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देते हुए वह शहीद हो गए थे। रोहिन 2016 में 14 पंजाब रेजिमेंट में भर्ती हुए थे। इकलौते बेटे की शहादत ने जहां परिवार को पूरी तरह से तोड़ दिया, वहीं परिजनों को रोहिन के अदम्य साहस और वीरता पर गर्व भी है।
उनकी एक बहन है, जिनकी शादी हो चुकी है। रोहिन अविवाहित थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा बदारन में और उच्च शिक्षा अपर हड़ेटा में हुई थी। हमीरपुर कॉलेज से रोहिन ने स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी।
माता-पिता को मलाल, शहीद बेटे के नाम पर नहीं बना प्रवेश द्वार
पिता रसील सिंह और माता कमलेश कुमारी को मलाल है कि घोषणा के बावजूद सरकार शहीद बेटे के नाम पर प्रवेश द्वार तक नहीं बना पाई है। शहीद रोहिन के नाम पर न किसी सड़क या रास्ते और न ही किसी स्कूल का नाम रखा गया है। दोनों ने इच्छा जताई है कि उनके बेटे के नाम पर सरकार कुछ न कुछ बनाए ताकि आने वाली पीढ़ियां रोहिन के अदम्य साहस और वीरता के बारे में जान सकें।