शराब का ठेका खोलने का विरोधः सुक्खू सरकार ने नहीं सुनी बात तो प्रधान सहित पूरी पंचायत का इस्तीफा, मंत्री विक्रमादित्य ने भी किया निराश, सरकार ने महिलाओं की मांगें नहीं मानी, उल्टा केस किया दर्ज, पंचायत ने सरकार को दिया तीन दिन का अल्टीमेटम
शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में शराब का ठेका खोलने के विरोध में एक पंचायत ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया। लगातार ठेके खिलाफ महिला और पुरुष ठेके के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन सुक्खू सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी तो नाराज होकर इस्तीफा दे दिया।
जानकारी के अनुसार, शिमला ग्रामीण विधानसभा के सुन्नी के चेवड़ी पंचायत के सभी पदाधिकारियों ने सामूहिक त्यागपत्र दे दिया है। पंचायत प्रधान, उप प्रधान और वार्ड मेंबर के अलावा महिला मंडलों के साथ नशा निवारण कमेटी ने भी इस्तीफा दिया है। इन पंचायत प्रतिनिधियों ने 12 दिन की हड़ताल के बाद सरकार के रवैये को देखते हुए यह फैसला लिया।
पंचायत प्रधान छविंद्र सिंह पाल के बोल
पंचायत प्रधान छविंद्र सिंह पाल ने बताया कि सरकार ने 23 मई को शिमला ग्रामीण विधानसभा की चेवड़ी पंचायत के खेरा गांव में शराब का ठेका खोला है, जिससे गांव का माहौल बिगड़ रहा है। जिन महिलाओं ने शराब के ठेके का विरोध करने के लिए प्रदर्शन किया पुलिस ने उनके ख़िलाफ़ ही केस दर्ज कर लिया था।
पंचायत प्रधान छविंद्र सिंह पाल ने कहा कि इस दौरान ठेका बंद करने की मांग विभिन्न स्तर पर उठाते रहे, लेकिन उनकी मांग मानने के बजाय हड़ताल करने वाली महिलाओं पर उल्टा एफआईआर की गई। इससे नाराज होकर सभी ने अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया।
छविंद्र सिंह पाल ने कहा कि सरकार एक तरफ नशा मुक्ति की बात करती है और दूसरी तरफ जो पंचायतें नशे के खिलाफ आवाज उठा रही हैं, उन पर एफआईआर की जाती है। इसे देखते हुए उन्होंने नैतिक आधार पर इस्तीफा देने का फैसला लिया है।