वेसहारा वृद्ध महिला की मदद के लिए फिर से आगे आया कार सेवा दल।

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कुल्लू, मनदीप सिंह

लगवेली निवासी 73 वर्षीय विधवा जोमटी देवी के पति अछरु राम की मृत्यु होने के पश्चात मानो की जोंमटी देवी के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट गया। दो- दो बेटों होने के पश्चात भी जोमटी देवी इतनी वृद्ध अवस्था में भी अकेले ही अपने 4 पोतियों की परवरिश करने के लिए विवश हैै, क्योंकि एक बेटे की 26 वर्षीय आयु में जवानी में ही बीमारी से अचानक मृत्यु हो गई । दूसरा बेटा 42 वर्षीय यशपाल पिछले 2 वर्षों से ही बीमारी के कारण बिस्तर पर है ।

यशपाल की पत्नी एक सहारा थी वह भी किडनी फेल होने के कारण उसकी भी मृत्यु हो गई । जितना पैसा,  जमीन थी, वह सब बीमारी इलाज में बिक गई । परिवार में केवल मात्र जोमटी देवी ही अपने परिवार का गुजारा विधवा पेंशन के सहारे ही होता है।

जोमती देवी भी हार्ट की मरीज है और बीमार रहती है। आय का कोई साधन नहीं है। गांव से भी कोई खास मदद नहीं मिलती। रिश्तेदार कुछ समय समय पर राशन व अन्य छोटी-मोटी मदद करते हैं क्योंकि वह भी आर्थिक स्थिति से काफी कमजोर है। 4 बच्चों की परवरिश में कई प्रकार की मुश्किलें आती है, क्योंकि बच्चे समय-समय पर कुछ ना कुछ बच्चों की इच्छाएं होती हैं।

जिन्हें पूरा करना वृद्धा के लिए बहुत मुश्किल है 15 वर्षीय साइना नौवीं कक्षा में 13 वर्षीय सुनीता पांचवी कक्षा में 11 वर्षीय खेमचंद सातवीं कक्षा में सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। कार सेवा दल के सदस्य जोंमटी देवी के परिवार की जानकारी मिलने के पश्चात निरीक्षण हेतु बागन गांव जोमटी देवी के घर पहुंचे और वहां आंखों देखी हालत ऐसी थी कि इतनी ठंड होने के बावजूद जिस घर घर में परिवार रह रहा है।

उसकी खिड़कियों व दरवाजों के पल्ले भी नहीं लगे हैं ठंड से बचने के लिए तंदूर या कोई गर्म कपड़े इत्यादि की व्यवस्था भी नहीं थी संस्था द्वारा वहीं पर सबसे पहले बीमार यशपाल का इलाज करवाने का निर्णय लिया और तुरंत ही उसे अगले दिन संस्था की एंबुलेंस भेज कर इलाज के लिए क्षेत्रीय अस्पताल लाया गया डॉक्टर द्वारा जांच करवाकर m.r.i. और अन्य डॉक्टर द्वारा बताए गए सभी टेस्ट इत्यादि करवाएंगेे।

5 दिन क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में इलाज के पश्चात डॉक्टर के परामर्श के पश्चात यशपाल को दवाइयां दिलवाकर घर पर ही आराम करने की सलाह दी गई। परिवारिक स्थिति को देखते हुए संस्था द्वारा घर के लिए ठंड से बचने के लिए तंदूर ,खिड़कियों के लिए प्लास्टिक चद्दर, रजाईयां बिस्तरे, बैठकू , बर्तन बच्चों को पढ़ाई के लिए किताबे पांव के लिए जूते ,3 माह का राशन ,गरम मेट इत्यादि सामान डिस्चार्ज के पश्चात सामान वह मरीज को घर तक छोड़ कर दिया।

इस नेक कार्य में संस्था के अध्यक्ष मनदीप सिंह, रामप्रसाद शर्मा ,अमित शर्मा, जगदीश ,सतवंत सिंह ,नरेंद्र शर्मा, राम नारायण, किशन शर्मा, रोशन लाल, भीम सिंह मौजूद रहे संस्था द्वारा आगे भी जरूरत पड़ने पर परिवार की मदद की जाएगी।

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