हिमखबर डेस्क
एक तरफ सरकारी रहती हैं पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ लेकिन दूसरी तरफ प्रकृति से छेड़छाड़ करने वालों को बिना कार्रवाई की ही छोड़ दिया जाता है। जिससे उनके हॉल बुलंद होते हैं और वह बार-बार इस तरह की हरकतें करते हैं।प्रकृति ने कितना कुछ हमें दिया, लेकिन सब कुछ पाने की चाह में इन्सान ने प्रकृति और पृथ्वी का विनाश कर दिया।
जानकारी के अनुसार धर्मशाला के पास दाड़ी, अवस्थी कॉलेज के सामने जंगल में अनगिनत पेड़ काटे जा रहे थे। इसका पता जैसे ही धीरज महाजन अध्यक्ष क्रांति संस्था को चला तो वो पेड़ बचाने के लिए अकेले ही मौके पर पहुंच गए। पेड़ काटने वाले 4 लोग तो फ़रार हो गए लेकिन अन्य तीनों को पकड़ लिया गया। जब पकड़े गए मजदूरों से पूछा गया कि किसके कहने पर पेड़ काट रहे हैं तो उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया बल्कि नाम लेने से बचते नजर आए।
फॉरेस्ट विभाग के नाक के नीचे हो रहा कटान
यह बेहद गंभीर वह संवेदनशील विषय है कि फॉरेस्ट विभाग की नाक के नीचे पेड़ काटे जा रहे हैं यह बात एक संस्था को पता चल जाती है लेकिन वन विभाग को इस बात की भनक नहीं लगती यह बात सुनने और सोचने में अटपटी लग रही है।
आखिर वन विभाग को इस बात की जानकारी क्यों नहीं मिलती है या फिर जंगलों में क्या हो रहा है। क्या वन विभाग को इसकी कोई जानकारी नहीं है। खैर संस्था के अध्यक्ष धीरज महाजन द्वारा जब विभाग को इसके बारे में बताया जाता है तो मौके पर विभाग के कर्मचारियों द्वारा मौके का जायजा लिया जाता है।
क्या बोले संस्था के संस्थापक धीरज महाजन
धीरज महाजन ने कहा कि भविष्य में अगर कोई भी देवभूमि हिमाचल में ऐसा करते पाया जाये तो पर्यावरण प्रेमी ऐसे लोगों की पहले सेवा करें और फिर क़ानून कार्यवाही करे। धीरज महाजन ने अनेकों अन्य पेड़ कटने से बचाए लेकिन तब भी तकरीबन 15 से उपर पेड़ कट चुके थे। एक तरफ तो सरकार पेड़ लगाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करती है। दूसरी तरफ ऐसे लोगों पर कोई सख्त कार्यवाही नहीं करती।