वन माफिया ने काट डाले खैर के 15 पेड़, 122 मौछे बरामद

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वन माफिया ने काट डाले खैर के 15 पेड़, 122 मौछे बरामद

ऊना – अमित शर्मा 

ऊना जिला के तहत कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के रामगढ़धार के थानाकलां के गांव गहरा में सरकारी जंगल में अवैध कटान का मामला सामने आया है। गांव गहरा के नजदीक स्थित सरकारी जंगल में वन माफिया ने खैर के 15 पेड़ों को काट डाला है।

ग्रामीणों ने वन विभाग के एक कर्मचारी पर अवैध कटान में मिलीभगत के आरोप लगाए हैं। खुरवाईं फोरैस्ट बीट के रेंज ऑफिसर संदीप कुमार ने घटनास्थल पर जाकर मौके से खैर के पेड़ों के 122 मौछे बरामद किए हैं। हैरानी की बात है कि यह सारा अवैध कटान उस इलाके में हुआ है जहां से महज 200 मीटर की दूरी पर पक्की सड़क बनी हुई है और चारों तरफ रिहायशी मकान स्थित हैं।

यही नहीं, इसी क्षेत्र में अटल आवासीय विद्यालय का निर्माण भी चल रहा है, जिससे यह इलाका लगातार प्रशासनिक निगरानी में रहता है। लोगों का कहना है कि यह कोई नई बात नहीं है। क्षेत्र के वन कर्मचारी पर पहले भी कथित तौर पर अवैध कटान को लेकर गंभीर आरोप लग चुके हैं।

जिला परिषद सदस्य कृष्ण पाल शर्मा ने इस पूरे मामले को लेकर सरकार से विजिलैंस जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह मामला कोई पहला नहीं है। इससे पहले भी गहरा गांव में मिलकीयती भूमि पर खैर के पेड़ों का अवैध कटान हो चुका है। उस समय वन विभाग के एक डिप्टी रेंजर पर कार्रवाई की गई थी।

जिला वन फोरैस्ट अधिकारी सुशील राणा ने इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से लिया है और वे एक बड़े एक्शन की तैयारी में हैं। सूत्रों की मानें तो जल्द ही गहरा गांव और संबंधित फोरैस्ट बीट की विस्तृत जांच शुरू हो सकती है। इस जांच में न केवल यहां तैनात कर्मियों की भूमिका की समीक्षा की जाएगी बल्कि उसके पिछले कार्यकालों और संपत्ति विवरणों की भी छानबीन की जा सकती है। खैर के पेड़ों की अवैध कटाई से न केवल सरकार को आर्थिक नुक्सान होता है, बल्कि इससे पर्यावरणीय संतुलन भी बिगड़ता है।

डीएफओ ऊना सुशील राणा के बोल 

डीएफओ ऊना सुशील राणा ने बताया कि विभाग ने जहां पुलिस में इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज करवाई है तो वहीं विभागीय स्तर पर भी यहां हुए अवैध कटान के लिए विशेष जांच दल का गठन किया गया है। रेंज ऑफिसर को इसका प्रभारी बनाया गया है।

एक तय सीमा में उन्हें इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट तथ्यों सहित प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए हैं। यदि इस पूरे प्रकरण में विभागीय कर्मचारियों की संलिप्तता पाई जाती है तो अपराधियों के साथ-साथ ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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