देहरा- आशीष कुमार
अगर प्रदेश सरकार अगले 26 दिन में प्रदेश में सामान्य वर्ग आयोग (सवर्ण आयोग) का गठन नहीं करती है तो इसके विरोध में सामान्य वर्ग के लोगों की तरफ से होने वाली प्रतिक्रिया को भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। यह बात देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रुमित ठाकुर ने देहरा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।
रुमित ठाकुर ने कहा कि दिसंबर में सवर्ण लोगों द्वारा धर्मशाला में किए गए विधानसभा घेराव के दौरान 90 दिन के अंदर प्रदेश में सामान्य आयोग के गठन की बात कही थी, परंतु घोषणा के दो माह से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी प्रदेश सरकार 62 लाख सामान्य वर्ग के लोगों के हितों की रक्षा के लिए गठित होने वाले सामान्य आयोग के गठन के लिए हरकत में आते हुए नहीं दिखी है। न ही प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अभी तक सामान्य आयोग गठन की मांग को लेकर अपना मुंह खोला है।
रुमित ने कहा कि यह सब भाजपा एवं कांग्रेस के लिए आने वाले चुनावों के दौरान भारी पडऩे वाला है। प्रदेश का 62 लाख सामान्य जाति से संबंध रखने वाला मतदाता इस वर्ग के लिए आवाज न उठा पाने वाले 68 वर्तमान विधायकों का चुनावों में सूपड़ा साफ कर डालेगा। चेताया कि अगर सरकार सवर्ण आयोग का गठन शीघ्र नहीं करती है तो 10 दिसंबर को सामान्य वर्ग ने प्रदेश विधानसभा के घेराव का एक जो ट्रेलर दिखाया था उसकी पूरी फिल्म 26 दिन बाद शिमला में विधानसभा के घेराव के रूप में नजर आएगी।
अनहोनी के लिए प्रदेश सरकार दोषी होगी
रुमित ने कहा कि इस दौरान अगर घेराव की वजह से कोई अनहोनी घटना घटती है तो इस सब के लिए प्रदेश सरकार दोषी होगी। पंजाब, मध्य प्रदेश, बिहार में गठित सामान्य वर्ग संविधान की कट-पेस्ट हिमाचल सवर्ण आयोग गठन के लिए नहीं चलेगी। प्रदेश के सामान्य वर्ग के लोगों को प्रदेश में केवल सवर्ण आयोग का गठन यहां की परिस्थितियों के हिसाब से इसके अपने संविधान के साथ ही स्वीकार्य होगा।
क्या कहते हैं मदन ठाकुर
इस अवसर पर प्रदेश सवर्ण मोर्चा के अध्यक्ष मदन ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने कहे अनुसार सवर्ण आयोग का गठन करने की अपेक्षा सवर्ण मोर्चा एवं देव भूमि क्षत्रिय संघ के नेताओं रुमित ठाकुर सहित अन्य नेताओं पर झूठे केस दर्ज कर रही है यह सब सहन नहीं होगा। इस दौरान रविंद्र शर्मा, सतङ्क्षवदर सहित सवर्ण मोर्चा के अन्य नेता मौजूद रहे।