मौहीं गांव की 2 सगी बहनों ने भरी सफलता की उड़ान, एक बनी नर्सिंग ऑफिसर तो दूसरी बनी असिस्टैंट प्रोफैसर

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एक समय था जब बेटों को ही अधिमान दिया जाता था। बेटों को ही घर का चिराग माना जाता था। बेटे के बिना घर को अधूरा सा माना जाता था लेकिन समय ने जैसे ही करवट ली बेटियों ने बेटों से बढ़कर देश व समाज का नाम रोशन किया है।

बिलासपुर – सुभाष चंदेल

एक समय था जब बेटों को ही अधिमान दिया जाता था। बेटों को ही घर का चिराग माना जाता था। बेटे के बिना घर को अधूरा सा माना जाता था लेकिन समय ने जैसे ही करवट ली बेटियों ने बेटों से बढ़कर देश व समाज का नाम रोशन किया है।

ऐसा ही एक किस्सा है बरठीं के पास भटोली-मौहीं गांव का है जहां एक सामान्य घर से 2 बेटियों के अफसर बनने की खुशी ने पिता के सीने को गर्व से चौड़ा कर दिया है। माता केसरी देवी एक गृहिणी हैं लेकिन अपने तीनों बच्चों को संस्कारमय शिक्षा देने में अहम भूमिका का निर्वहन किया है।

पिता से बेटियों की सफलता का राज जानने पर उन्होंने बताया कि उनकी 2 बेटियां व एक बेटा है। 1995 में जन्मी बड़ी बेटी प्रियंका शर्मा ने प्रारंभिक शिक्षा बरठीं स्कूल से की है तथा प्रोफैशनल नर्सिंग स्तर की पढ़ाई रोहतक हरियाणा से करने के बाद 2019 से 2021 बैच में महाराजा अग्रसेन मेडिकल काॅलेज हिसार हरियाणा से एमएससी किया।

2022 में नोरसेट क्वालीफाई किया तथा देशभर में 174वें रैंक पर रही। वर्तमान में एम्स बिलासपुर में बतौर नर्सिंग ऑफिसर अपनी सेवाएं दे रही है।

जबकि 1996 में जन्मी छोटी बेटी अनु शर्मा की 10वीं तक की पढ़ाई बरठीं स्कूल से 12वीं की पढ़ाई अल्फा पब्लिक स्कूल बरठीं से तथा 2017 में बीएससी नॉन मेडिकल की पढ़ाई डीएवी काॅलेज चंडीगढ़ तथा 2020 में एमए राजनीति शास्त्र की पढ़ाई पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से की, साथ में यूजीसी नैट क्वालीफाई किया।

हिमाचल प्रदेश पब्लिक सर्विस कमिशन से कमिशन पास करके असिस्टैंट प्रोफैसर राजनीतिक शास्त्र बनने में कामयाबी हासिल की। बेटी ने बताया कि उसने विज्ञान विषय को छोड़कर राजनीति जैसे विषय को इसलिए चुना था कि वह प्रशासनिक सेवा में अपना योगदान दे सके।

पिता ने बताया कि उनका एक बेटा आकाश बीटैक के बाद एमबीए की पढ़ाई कर रहा है। उन्होंने बताया कि वे स्वयं फौज से सूबेदार पैंशन आए हैं लेकिन बच्चों की पढ़ाई को लेकर उन्होंने कभी असूलों से समझौता नहीं किया। बेटियों ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, परिवारजनों, दोस्तों व अध्यापकों को दिया है।

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