मोबाइल में तो नहीं आया ‘डांस ऑफ द हिलेरी’ का मैसेज? अगर आए तो क्‍या करना है.. यहां जानें डिटेल में

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शिमला – नितिश पठानियां

संघर्ष विराम के बावजूद भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव, सैन्‍य कार्रवाई में साइबर अटैक की एंट्री जोरों पर है। पाकिस्‍तान के साइबर हैकर इसे अंजाम दे रहे हैं। पाकिस्तानी हैकर्स भारतीय नागरिकों और संस्थानों को निशाना बनाते हुए उन्‍हें डांस ऑफ द हिलेरी भेज रहे हैं।

सुनने में यह किसी डांस वीडियो जैसा लग रहा है और लोग भी इसे एसा ही समझ रहे हैं, लेकिन जितना आकर्षक इसका नाम है, ये वैसा है नहीं बल्कि बहुत ज्‍यादा खतरनाक है। हिमाचल में तो इसने ज्‍यादा लोगों को अपना निशाना बनाया है। हिमाचल प्रदेश में इस अटैक का का व्यापक प्रभाव देखा जा रहा है। शिमला साइबर सैल ने इसको लेकर अलर्ट जारी किया है।

आखिर ये है क्‍या, आइये जानते हैं..

दरअसल, डांस ऑफ द हिलेरी नाम से आपको भ्रमित नहीं होना है, क्‍योंकि यह कोई डांस वीडियो नहीं, बल्कि एक मैलवेयर है। आकर्षक नाम और फाइल फॉर्मेट के साथ भेजा गया यह वायरस यूजर्स को धोखा देने के लिए है। व्हाट्सऐप, फेसबुक या टेलिग्राम पर आने वाली वीडियो या दस्तावेज फाइल को खोलते ही यह डिवाइस में चुपके से इंस्टॉल हो जाता है और बैकग्राउंड में एक्टिव होकर नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है।

यह वायरस व्हाट्सऐप, फेसबुक और टेलिग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए वीडियो या दस्तावेज के रूप में फैल रहा है। साइबर सुरक्षा सेल ने इसे लेकर चेतावनी जारी की है, क्योंकि यह वायरस न केवल पर्सनल, बल्कि बैंकिंग जानकारी तक चुराता है। इससे आपकी डिवाइस को भी गंभीर नुकसान पहुंच सकता है।

इससे कितना गंभीर खतरा?

  • डेटा चोरी: यह वायरस पर्सनल जानकारी, बैंक खाता डिटेल, पासवर्ड और अन्य संवेदनशील डेटा चुरा सकता है।
  • डिवाइस पर कंट्रोल : इंस्टॉल होने के बाद हैकर्स को आपके फोन या कंप्यूटर पर रिमोट कंट्रोल मिल सकता है। यानि वह आपके डिवाइस को चला सकता है।
  • सिस्टम को नुकसान : यह डिवाइस को धीमा कर सकता है। महत्वपूर्ण डेटा नष्ट कर सकता है या पूरी तरह से क्रैश कर सकता है।
  • ना दिखने वाला खतरा: यह वायरस बैकग्राउंड में काम करता है, जिससे यूजर्स को इसकी मौजूदगी का पता भी नहीं चलता।

साइबर हमले का प्रभाव

हिमाचल प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में इस वायरस ने यूजर्स को बेहद परेशान कर दिया है। अनजान सोर्स से आने वाली फाइलें खोलने की भूल ने कई लोगों को फाइनेंशियली और पर्सनली नुकसान पहुंचाया है। यह वायरस न केवल लोगों, बल्कि सरकारी और निजी संस्थानों के लिए भी खतरा बन रहा है।

डीआईजी साइबर क्राइम मोहित चावला ने लोगों को इससे बचने के लिए कई सलाह दी हैं.. आप भी इन्‍हें मानें…

  • अनजान फाइलों से बचें: किसी अज्ञात स्रोत से प्राप्त वीडियो, दस्तावेज या .exe, .bat जैसी संदिग्ध फाइलें न खोलें।
  • ऑटो-डाउनलोड बंद करें: व्हाट्सऐप और अन्य ऐप्स की ऑटो-डाउनलोड सेटिंग्स को तुरंत बंद करें।
  • मजबूत पासवर्ड: अपने डिवाइस, ईमेल और सोशल मीडिया खातों के लिए जटिल और अद्वितीय पासवर्ड का उपयोग करें।
  • सोशल मीडिया पर अलर्टनेस : अपरिचित लिंक, प्रोफाइल या संदेशों पर क्लिक करने से बचें।
  • एंटीवायरस का उपयोग: विश्वसनीय एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें और नियमित रूप से डिवाइस स्कैन करें।
  • फिशिंग से सावधान: असामान्य नाम या एक्सटेंशन वाली फाइलों को खोलने से पहले उनकी प्रामाणिकता जांचें।
  • नियमित अपडेट: अपने डिवाइस और ऐप्स को लेटेस्‍ट सॉफ्टवेयर के साथ अपडेट रखें।

अगर डिवाइस इंफेक्टिड हो जाए, तो क्या करें?

  • अगर आपको लगता है कि आपका डिवाइस वायरस से प्रभावित हो गया है तो तुरंत इंटरनेट कनेक्शन बंद करें।
  • डिवाइस को सेफ मोड में शुरू करें और एंटीवायरस से स्कैन करें।
  • संदिग्ध ऐप्स या फाइलों को हटाएं।
  • साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ से संपर्क करें।
  • साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
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