शिमला – जसपाल ठाकुर
हिमाचल प्रदेश में जय राम सरकार के आखिरी मॉनसून सत्र के पहले दिन ही हंगामा बरपा. साढ़े 4 वर्षों के कार्यकाल के दौरान इस सरकार के खिलाफ विपक्ष ने पहली बार अविश्वास प्रस्ताव लाया.
इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नारेबाजी हुई. नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के नेतृत्व में कांग्रेसी सदस्यों ने सदन में पोस्टर दिखाकर नारेबाजी की. भोजनावकाश के बाद हंगामा बढ़ते देख सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी.
विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है, प्रदेश में अराजकता का माहौल है, ऐसे में सीएम और मंत्रियों को कुर्सी पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.
वहीं दूसरी ओऱ, सीएम जय राम ठाकुर ने भी पलटवार करने में देरी नहीं की. उन्होंने कहा कि केवल खबरों की सुर्खियां बटोरने के लिए ये कोशिश की गई है, जबकि सदन में हमारे सदस्यों की संख्या उनके सदस्यों से दोगुनी है.
सीएम ने कहा कि कांग्रेस केवल अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. पूरे देश में कांग्रेस खत्म हो गई है. उन्होंने कहा कि आने वाले चुनावों में जिस तरह पंजाब में चुनावों के बाद चन्नी गायब हो गए, उसी तरह कांग्रेस भी गायब हो जाएगी. साथ ही कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान सामने आए मुद्दों और पेपर लीक मामले पर भी सवाल उठाए.
संख्या बल कम होने के बावजूद मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव को सदन में पेश करने में कामयाब रही. सदन में अविश्वास प्रस्ताव के स्वीकार होने के लिए एक तिहाई सदस्य सदस्यों की सहमति होना जरूरी होती है.
ऐसे में 68 सीटों वाले सदन में कांग्रेस के 22 और माकपा विधायक राकेश सिंघा के साथ मिलकर ये प्रस्ताव पेश किया. इस पर अब गुरुवार सुबह 11 बजे चर्चा होगी और दोपहर तीन बजे सीएम जय राम ठाकुर चर्चा का जबाव देंगे.
सत्र की शुरूआत में विपक्षी सदस्य बाजू में काली पट्टी बांधकर सदन में पहुंचे. माकपा विधायक राकेश सिंघा भी बाजू में काली पट्टी बांधे हुए नजर आए. सुबह 11 बजे शोकोद्गार के साथ सदन की कार्यवाही शुरू हुई.
चार पूर्व सदस्यों के निधन पर सीएम जय राम ठाकुर ने शोकोद्गार प्रस्तुत किया. दिवंगत केंद्रीय मंत्री सुखराम, रूप सिंह चौहान, मस्त राम, प्रवीण शर्मा के निधन पर सदन में शोक प्रकट किया गया. नेता प्रतिपक्ष समेत अन्य नेताओं ने भी श्रद्धांजलि दी.
सरकार विश्वाश खो चुकी हैः मुकेश
शोकोद्गार के बाद विपक्ष ने नियम 278 के अविश्वास प्रस्ताव लाया. इसके बाद से सदन में हंगामा हुआ. नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में कहा कि सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है, प्रदेश में अराजकता का माहौल है, इसलिए मुख्यमंत्री और पूरे मंत्रिमंडल को नियम 279 के तहत इस्तीफा दे देना चाहिए.
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष, सीएम और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज के बीच हल्की बहस भी हुई. विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने एक तिहाई सदस्यों की गिनती के बाद अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार किया. इसके बाद उनकी तरफ से चर्चा के लिए दिए गए समय पर भी विपक्ष ने जमकर हंगामा किया.
विपक्ष का कहना था कि इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए अधिक समय दिया जाना चाहिए. इसके बाद सीएम ने अपनी सीट से उठकर कहा कि कितना समय देना है ये विपक्ष नहीं, बल्कि विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में आता है और वहीं तय करेंगे.