काँगड़ा – राजीव जस्वाल
एमसीएम डीएवी महाविद्यालय कांगड़ा की आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) द्वारा वृहस्पतिवार को “महिला स्वास्थ्य और स्वच्छता” पर एक आधारित एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया । इस व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. दीप्ति राणा, सहायक प्रोफेसर, ओबस और गाइनी विभाग, डीआरपीजीएमसी टांडा, ने शिरकत की ।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ बलजीत सिंह पटियाल ने मुख्य वक्ता का पुष्पगुच्छ प्रदान करके औपचारिक स्वागत किया ।
डॉ राणा ने इस अवसर पर मेंस्ट्रुअल हेल्थ और हाइजीन के महत्व के मद्देनजर डब्ल्यूएचओ के दिशा निर्देशो को सांझा किया जो महिलाओं के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए आवश्यक है ।
उन्होने कहा कि इस सन्दर्भ में उपयुक्त जानकारी और एक सहायक वातावरण भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । डॉ. दीप्ति राणा ने पॉली-सिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) के बारे में भी अपने विचार सांझा किए । उन्होंने हार्मोनल असंतुलन के मूल कारण के रूप में जीवन और आनुवंशिकी की अस्वास्थ्यकर शैली पर जोर दिया जो अंततः पीसीओएस और ऐसे अन्य विकारों का कारण बनता है।
उन्होंने बताया कि किसी की जीवन शैली में दो सरल बदलाव व्यायाम और संतुलित आहार , इस असंतुलन से बचा सकते हैं । अपने व्याख्यान में उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे व्यायाम और संतुलित आहार एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन शैली का कारण बन सकते हैं जिसके परिणामस्वरूप अंततः किसी भी व्यक्ति का समग्र रूप से विकास होता है।
इस दौरान छात्राआें ने उत्साहपूर्वक इस व्याख्यान में भाग लिया और व्याख्यान के दौरान विभिन्न स्वास्थ्य मुद्दों और उपचारों के बारे में डॉ राणा से अपनी जिज्ञासाएं व्यक्त की और डॉ दीप्ति ने उन जिज्ञासाओं को शांत किया । सत्र में कॉलेज की 101 छात्राओं और 20 महिला स्टाफ सदस्यों ने भाग लिया।
सत्र में आईसीसी की बाहरी सदस्य सेवानिवृत्त (एसो. प्रोफेसर) अनीता वोहरा ने भी भाग लिया। अंत में डॉ दीप्ति राणा को स्मृति के रूप में प्रतीक महाविद्यालय की तरफ से एक पौधा उपहारस्वरूप भेंट किया गया ।