चम्बा – भूषण गुरुंग
मिस्टिक विलेज व खजियार स्विटजरलैंड से कम नहीं हैं। यहां की खूबसूरती स्वत: ही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।यह बात केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने कही। केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने सामुदायिक पर्यटन पर कार्य कर रहे मिस्टिक विलेज खजियार का दौरा किया।
केंद्रीय मंत्री के मिस्टिक विलेज पहुंचने पर मिस्टिक विलेज खजियार के लोगों ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। केंद्रीय मंत्री कमलेश पासवान ने खजियार के प्राकृतिक सौंदर्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि पर्यटन को रोजगार से जोड़ने को लेकर मिस्टिक विलेज की मुहिम भविष्य में युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।
उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों की ओर से सामुदायिक आधारित पर्यटन को लेकर अनोखा प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बेहतर कार्यों के लिए नाट आन मैप संस्था के प्रयासों को भी सराहा। चलो चंबा अभियान के बारे में उन्होंने बताया कि यह पर्यटकों को अपने अन्छुए पर्यटक स्थलों की ओर आकर्षिक करने का बेहतर प्रयास है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी यही मिशन है कि जो पर्यटक स्थल अब तक पर्यटकों की नजरों से दूर हैं, उन्हें उजागर किया जाए, ताकि वहां तक पर्यटकों की पहुंच आसान हो सके। ऐसे स्थलों को टूरिज्म के माध्यम से विश्व मानचित्र पर लाने का प्रयास है। इस दौरान लोगों की ओर से रखी गई सड़क व एंबुलेंस की मांग को पूरा करने की भी बात कही।
उन्होंने कहा कि जितना इस स्थल का प्रचार व प्रसार होगा, उतना ही आने वाले समय में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। इस दौरान जितेंद्र पंकज शर्मा ने मंच का संचालन किया। वहीं, रितिका एवं समूह की ओर से सांस्कृतिक लोक प्रस्तुति दी गई। उन्होंने कलाकारों को बेहतर प्रस्तुति के लिए बधाई दी।
उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति को बढ़ावा देते हुए जो पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास हो रहे हैं, वे काबिले तारीफ हैं। इस दौरान उन्होंने स्थानीय व्यंजनों साग, बबरू, मधरा इत्यादि का स्वाद भी चखा और मिस्टेक विलेज के लोगों का आभार व्यक्त किया।
इस दौरान ग्राम पंचायत सिंगी के उप-प्रधान अजय शर्मा तथा बीडीसी सदस्य राकेश भी विशेष तौर पर मौजूद रहे। उन्होंने केंद्रीय मंत्री के समक्ष मिस्टिक विलेज की अवधारणा के बारे में बताया कि सिंगी, कोहलड़ी और खजियार पंचायत के युवा सामुदायिक आधारित पर्यटन(कम्युनिटी टूरिज्म) से में रुचि ले रहे हैं।
आपको बता दे कि मिस्टिक विलेज पहला जनजातीय आधारित गांव है, जो कि सामुदायिक एवं जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है।इसके संचालन में स्वयं सहायता समूह गाब्दिका तथा पहचान सहित, नाट आन मैप संस्था का भी सहयोग है। एक्ट संस्था भी वैचारिक तौर पर सहयोग कर रही है। इसे और बेहतर बनाने की दिशा में सामुदायिक तौर पर प्रयास चल रहे हैं। बेहतर कार्यों के लिए कई बार मिस्टिक विलेज को पुरस्कार मिल चुका है।