लीलाधर ने डॉक्टरों पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं, महिला की मौत के बाद सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किया, आईजीएमसी प्रशासन ने मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल और मेडिकल कॉलेज आईजीएमसी शिमला में इमरजैंसी में दाखिल एक महिला की मौत को लेकर डॉक्टरों पर लापरवाही के आरोप लगे हैं। मंडी जिले के सराज के रहने वाले शख्स ने आपातकालीन वॉर्ड में दाखिल अपनी मां के इलाज में कोताही बरतने के आरोप डॉक्टरों पर लगाए हैं।
शख्स लीलाधर ने डॉक्टरों ने उनकी मां का चेकअप करने के लिए मिन्नतें की लेकिन आरोप हैं कि कोई डॉक्टर उन्हें देखने के लिए नहीं और फिर उनकी मौत हो गई। मंडी जिले के सराज के रहने वाले लीलाधार ने आपातकालीन वार्ड से सोशल मीडिया पर लाइव वीडियो शेयर किया और बताया कि अब मेरी प्यारी माता जी इस दुनिया में नहीं रही।
उन्होंने कहा कि इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से मां की मौत हो गई, क्योंकि उन्होंने ऑक्सीजन का खाली सिलेंडर दिया था और साथ ही तुरंत ट्रीटमेंट नहीं मिला। रोते रोते लीलाधार ने कहा कि इस दौरान वह एक-एक डॉक्टर के पास गए और माता के लिए भीख मांगी लेकिन इमरजेंसी के सभी डॉक्टर इधर-उधर टालमटोल करने लगे रहे।
लगभग एक घंटा मैं, मेरा भाई, मेरी बहन, मेरी पत्नी इधर-उधर भटकते रहे लेकिन अफसोस जिन दो डॉक्टरों के जिम्मे मेरी माता जी का ट्रीटमेंट था, वो दोनों डॉक्टर मुझे देखते रहे और मेरे पास घूमते रहे। लीलाधर ने बताया कि मेरी माता को नेरचौक मेडिकल कॉलेज से रेफर किया गया था और उन्हें हार्ट अटैक आया था। उन्हें आईजीएमसी में भर्ती तो कर लिया गया था. लेकिन उन्हें ट्रीटमेंट करने का मौका नहीं मिला है।
मां की तो मौते के बाद लीलाधर ने फिर से एक लाइव किया और बताया कि उन्हें फिर से टॉर्चर किया जा रहा है। डेड बॉडी ले जाने के लिए स्ट्रक्चर तक नहीं दिया गया और मेरा आधार कार्ड और मेरे भाई के पैसे भी वापस नहीं दिए। इस दौरान लीला धर अस्पताल के सुपरींटेंडेंट राहुल राव के दफ्तर भी पहुंचे थे लेकिन पौने 11 बजे तक वह दफ्तर में नहीं आए थे।