उन्होंने बताया कि फ़्लोरेंस नाइटिंगेल ने लालटेन के सहारे क्रीमिया युद्ध 1854 में घायलों की सेवा करती रही। इसलिए उन्हें लेडी विथ दि लैंप का नाम मिला था उनकी प्रेरणा से ही नर्सिंग क्षेत्र में महिलाओं को आने की प्रेरणा मिली थी।

उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण बच्चों के कार्यक्रम नहीं हो पा रहे थे। लेकिन अब कोरोना कम होने पर प्रशिक्षु नर्सिंग छात्राओं द्वारा फ्रेशर पार्टी का आयोजन किया गया।