हिमखबर डेस्क
शांति और सुंदरता के लिए मशहूर मणिकर्ण घाटी में सुबह एक बड़ा हादसा होते-होते बचा। कसोल के पास स्थित कटागला गांव में सुबह एक रेस्तरां पूरी तरह जलकर राख हो गया, जिससे लगभग 30 लाख रुपये का भारी वित्तीय नुकसान हुआ है। राहत की बात यह रही कि इस भीषण अग्निकांड में किसी भी तरह की जानी क्षति नहीं हुई है।
सुबह भड़की आग, एक घंटे तक अफरा-तफरी
स्थानीय निवासियों के अनुसार, यह घटना सुबह करीब पांच बजे हुई, जब एकाएक रेस्तरां में आग की चिंगारी भड़क उठी। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया और रेस्तरां के भीतर रखा सारा सामान स्वाहा हो गया। आग की लपटें देख आस-पास के लोग नींद से जाग गए और करीब एक घंटे तक पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।
दमकल टीम और स्थानीय लोगों ने पाया काबू
इस आपात स्थिति की सूचना तुरंत दमकल विभाग को दी गई। दमकल कर्मियों की टीम ने बिना देर किए मौके पर पहुँचकर स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पाया। चूँकि रेस्तरां जिस होटल का हिस्सा था, उसमें कोई भी पर्यटक नहीं ठहरा था, इसलिए कोई बड़ा हादसा टल गया।
जांच के आदेश, कारणों का अभी तक पता नहीं
नायब तहसीलदार जरी, हेमराज शर्मा ने घटनास्थल का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि आग से जान का कोई नुकसान नहीं हुआ है। फिलहाल आग लगने के असली कारणों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन प्रशासन ने हलका पटवारी को नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है ताकि प्रभावितों को उचित सहायता मिल सके। इस घटना से पर्यटन स्थल कटागला के व्यापारिक समुदाय में चिंता का माहौल है।