भारी बारिश में खुली पोल! फोरलेन बनने से दरकी जमीन, खतरे में मकान, मचा हड़कंप, ग्रामीणों ने फोरलेन कंपनी पर लापरवाही का लगाया आरोप
कोटला – व्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश इस समय बरसात और विकास के टकराव की मार झेल रहा है। एक तरफ सरकार फोरलेन जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स के जरिए राज्य को विकास की दिशा में ले जाना चाहती है, तो दूसरी ओर इन प्रोजेक्ट्स की वजह से आम जनता को अपने आशियाने गंवाने पड़ रहे हैं।
ताजा मामला कांगड़ा जिला की ज्वाली विधानसभा क्षेत्र के भाली गांव से सामने आया है। यहां फोरलेन निर्माण के चलते 10 घर खतरे में आ गए हैं। भारी बारिश और निर्माण में बरती गई लापरवाही ने मिलकर हालात को खराब कर दिया है। भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है और गांववालों की जमीनें भी दरकने लगी हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि फोरलेन कंपनी ने बड़े- बड़े पहाड़ों को काटने का काम बिना सुरक्षा उपायों के किया, जिससे अब उनकी ज़िंदगी खतरे में पड़ गई है। इस पूरे मामले को लेकर कांगड़ा-चंबा लोकसभा क्षेत्र के सांसद डॉक्टर राजीव भारद्वाज खुद मौके पर पहुंचे और फोरलेन से प्रभावित परिवारों से मिले।
उन्होंने घरों में हुए नुकसान का जायजा लिया और तुरंत प्रशासन को निर्देश दिए कि 10 प्रभावित परिवारों को राहत दी जाए और मुआवजा तय करके तुरंत वितरित किया जाए। डॉ. भारद्वाज ने स्पष्ट किया कि जिन परिवारों के घर और ज़मीन फोरलेन की वजह से खतरे में आ गए हैं, उन्हें जल्द से जल्द सुरक्षित स्थान पर पुनर्वासित किया जाए और उनकी संपत्ति के नुकसान की भरपाई की जाए।
भाली गांव के लोग इस स्थिति से काफी गुस्से में हैं। उन्होंने कहा कि फोरलेन कंपनी ने निर्माण में बेहद लापरवाही बरती है और उनकी बात कोई नहीं सुन रहा था। ग्रामीणों ने मांग की है कि सरकार उन्हें स्थायी रूप से सुरक्षित जगह पर बसाए और जो नुकसान हुआ है, उसका उचित मुआवजा दिया जाए। कुछ लोगों ने तो यहां तक कहा कि अगर जल्द राहत नहीं मिली तो वे धरने पर बैठने को मजबूर होंगे।
मौके के निरीक्षण के बाद सांसद राजीव भारद्वाज ने कोटला रेस्ट हाउस में एनएचएआई अधिकारियों और प्रशासन के साथ बैठक की, जिसमें उन्होंने साफ तौर पर फोरलेन निर्माण में बरती गई लापरवाही को लेकर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो वह ग्रामीणों की समस्याएं केंद्र सरकार तक पहुंचाएंगे और पीड़ितों को न्याय दिलाकर ही रहेंगे।