भारतीय नौसेना का जवान शासन प्रशासन की कार्यप्रणाली से हताश, आशियाने के लिए 6 वर्षो से काट रहा चक्कर

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भारतीय नौसेना का जवान शासन प्रशासन की कार्यप्रणाली से हताश, भूस्खलन की भेंट चढ़ गया सैनिक का घर, राहत पाने और आशियाने के लिए 6 वर्षो से काट रहा था चक्कर, लगातार शासन प्रशासन के आगे नाक रगड़ने के बाद भी नहीं मिली राहत, पीएमओ में ड्यूटी के दौरान कई बार PMO कार्यालय से भी प्रदेश सरकार को किया गया सूचित, लम्बी जद्दोजहद के बाद आखिर भूस्खलन की भेंट चढ़ गया आशियाना, सैनिक सूरम सिंह का बयान पूरी उम्र की कमाई घर बनाने में लगाई, आज पड़ोसियों के घर रात गुजारने को मजबूर, बोले-शासन प्रशासन से उठा पूरी तरह विश्वास

नूरपुर – देवांश राजपूत 

प्रदेश सरकार व प्रशासन की लेट लतिफी किस तरह किसी पर भारी पड़ सकती है इसका ज्वलंंत उदाहरण नूरपुर की डन्नी पंचायत के गांव ख़डेतर के सूरम सिह को देखकर मिलता है।

जहां 6 साल से अपने भूस्खलन की चपेट मेेे आने वाले घर को लेकर सरकार के आगे नाक रगड़ता रहा और शासन प्रशासन उसके घर को पूरी तरह जमीदोज होने के बाद राहत देने की बात कहता रहा।

अब दो दिनों से लगातार हो रही बारिश ने आखिर शासन प्रशासन की मांग पूरी कर दी और नौ सेना के जवान का घर अच्छे खासे रूप में भूस्खलन की चपेट में आ गया।

देखना यह है कि सरकार की नजर में यह घर अब भी उनके मापदंड में आता है या जब तक यह जमीन उसे पूरी तरह नहीं निगल लेेेती तब इंतजार किया जाएगा।

नौसेना जवान सूरम सिंह ने बताया कि 18 अगस्त 2019 को उसका घर तेज खड्ड के बहाव के कारण भूस्खलन की चपेट में आना शुरू हुआ था और तब से लेकर वो शासन और प्रशासन के हर द्वार पर राहत पाने के लिए भटकते रहे लेकिन 6 सालों बाद भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली।

जबकि कई बड़े बड़े अधिकारी और नेताओं ने भी इस क्षेत्र का दौरा कर उन्हें बहुत बड़े आश्वासन दिए। आज आखिर 6 सालों के बाद वो अपनी पूरी उम्र की कमाई इस घर पर लगाने के बाद उसे मलियामेट होते देख रहे है।

उन्होंने कहा कि सरकारों द्वारा राहत और पुनर्वास के वायदे उनकी नजर में पूरी तरह झूठे है क्योंकि 6 सालों तक अगर उन्हें कोई न्याय नहीं मिल सका तो वो कैसे माने की उनके लिए भी सरकार कोई मायने रखती है।

सूरम सिंह के जीवन की यह घटना हमारी आंखे खोलने के लिए पर्याप्त है कि देश की सरहदों पर सुरक्षा के लिए दिन रात डटे रहने वाले सैनिकों के हितों की सुरक्षा करने के लिए अगर सरकार संजीदा नहीं है तो आम लोग किस श्रेणी में आते है।

सैनिकों के सम्मान में बड़े बड़े आयोजन करने से बेहतर है कि सरकार उन सैनिको के दिल मे इतना विश्वास भर दे कि उनकी अनुपस्थिति में उनके घर परिवार की सुरक्षा का जिम्मा सरकार उठाए हुए है।

एसडीएम नूरपुर अरुण शर्मा के बोल 

वहीं एसडीएम नूरपुर अरुण शर्मा ने बताया कि पीड़ित परिवार को हाल ही में एक सुरक्षित घर में शिफ्ट कर दिया गया है और उच्चाधिकारियों को पूरी घटना से अवगत करवा दिया गया है। उन्होंने कहा कि अभी हाल मे ही नूरपुर मे कार्यभार सम्भाला है और मामले की हर अपडेट लेकर हर सम्भव सहायता की जाएगी।

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