शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल में 50 में से 80 ठेकेदारों ने ब्लैकलिस्ट के डर से लंबित कार्य निपटाए हैं। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह पहले ही कह चुके हैं कि नाबार्ड के तहत विधायक प्राथमिकता की कई सड़कें ऐसी हैं, जिनका काम समय पर पूरा नहीं हुआ है या फिर धीमी गति से किया जा रहा है। ऐसे ठेकेदारों पर भी पेनल्टी लगाई जाएगी।
सरकार का चाबुक चलते ही ठेकेदारों ने लंबित सड़कों और भवनों के कार्य तेज रफ्तार से शुरू कर दिए हैं। 150 में से 80 ठेकेदारों ने ब्लैकलिस्ट के डर से लंबित कार्य निपटाए हैं। शेष को लोक निर्माण विभाग की ओर से नोटिस जारी किए जा रहे हैं। अब लोक निर्माण विभाग के क्वालिटी कंट्रोल विंग की ओर से सड़कों और भवनों के गुणवत्ता की जांच की जा रही है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) चरण-1 और 2 के तहत हिमाचल प्रदेश में 170 सड़कों, पुलों और भवनों, डंगों का काम पूरा नहीं किया गया था। ऐसे में लोक निर्माण विभाग ने लापरवाह ठेकेदारों को डिफाल्टर सूची में डाल दिया। अब इन्हें चरण-3 में सड़क निर्माण के कार्य भी नहीं दिए जा रहे थे।
वर्ष 2005 से 2023 तक पीएमजीएसवाई के दो चरण पूरे हो गए हैं। इनमें कई सड़कों का कार्य संतोषजनक नहीं रहा है। हिमाचल में चरण-3 के तहत 2,600 करोड़ रुपये की सड़कों का काम हो गया है।

