हिमखबर डेस्क
नाबालिग बेटी से यौन उत्पीड़न के आरोपी पर दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने दोषी पिता को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोषी को न्यायालय ने 20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है और इसे अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक पॉक्सो कोर्ट) धर्मशाला नितिन मित्तल की अदालत ने दोषी को यह सजा सुनाई है।
जानकारी के मुताबिक 27 मार्च 2024 को पुलिस थाना पालमपुर के अंतर्गत पीड़िता की मां ने शिकायत दर्ज करवाई थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी तीन वर्षीय बेटी का उसके पिता ने यौन उत्पीड़न किया है। शिकायत में कहा था कि घटना के दिन बेटी को आरोपी पिता अपने साथ ले गया था, जिसके बाद बच्ची की हालत बिगड़ी।
जब बेटी की हालत के बारे में पूछा था तो उसने अपने पिता का नाम लिया था। महिला ने आरोप लगाया था कि उनकी पति के साथ अनबन रहती थी और आरोपी अक्सर उस पर शक करता था और धमकियां देता था। शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पुलिस ने मामले की जांच की।
जांच के बाद मामले में पुलिस ने चालान कोर्ट में पेश किया, जिसमें अभियोजन पक्ष की ओर से मामले में 19 गवाह पेश किए। न्यायालय ने उपलब्ध साक्ष्यों, चिकित्सीय रिपोर्ट, गवाहों के बयानों तथा अभियोजन पक्ष की दलीलों के आधार पर आरोपी को दोषी करार दिया और 10 वर्ष की कठोर सजा और 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया।
अभियोजन पक्ष की ओर से मामले की पैरवी अतिरिक्त जिला न्यायवादी नवीना राही ने की और नायब कोर्ट यशपाल ने उन्हें न्यायालय में सहयोग प्रदान किया।

