शुक्रवार को प्रेस वार्ता कर पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने कहा कि गोलीकांड में उनके बेटे को मास्टरमाइंड घोषित करके मामले को उलझाने का प्रयास किया जा रहा है।
बिलासपुर – सुभाष चंदेल
पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने आरोप लगाया कि पुलिस उनके बेटे को जबरदस्ती न्यायालय से उठाकर ले गई। जबकि बेटा अपने वकील के साथ आत्मसमर्पण करने आया था। पुलिस ने इस घटना की रिकॉर्डिंग कर रहे एक युवक का मोबाइल भी तोड़ दिया। इस सारी घटना के प्रत्यक्षदर्शी मौजूद हैं।
परिधि गृह बिलासपुर में शुक्रवार को प्रेस वार्ता में बंबर ठाकुर ने कहा कि शहीद स्मारक के सामने हुए गोलीकांड में उनके बेटे को मास्टरमाइंड घोषित करके मामले को उलझाने का प्रयास किया जा रहा है। उनके बेटे को जानबूझकर फोन कर मामले में फंसाने का प्रयास किया गया है।
घटना की सच्चाई का पता लगाना है तो सीबीआई या उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से जांच कराई जाए। इसकी मांग वह मुख्यमंत्री से भी कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता जयराम ठाकुर, राजीव बिंदल और अनुराग ठाकुर जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से नहीं कराना चाहते हैं, क्योंकि घटना में उनके लोग भी शामिल हैं।
उनका और बेटे का इस कथित गोलीकांड से कोई संबंध नहीं है। मामले में पांच लाख रुपये के लेनदेन की बात भी कही जा रही है। पुलिस उसे भी साबित करे। पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने कहा कि जिस सौरभ पटियाल के घटना में घायल होने की बात प्रचारित की जा रही है, वह गोली लगने के बाद भी न्यायालय परिसर में यह कहते हुए घूम रहा था कि गोली चल गई। जबकि गोली लगने के बाद घायल व्यक्ति मौके पर ही गिर जाता।
वहीं, गोली चलाने वाला भी पैदल चलते हुए घूमता रहा। इससे स्पष्ट है कि उसे कोई गोली नहीं लगी या फिर किसी खिलौना हथियार से गोली चलाई, जिससे षड्यंत्र रचकर उन्हें और परिवार को बदनाम किया जा सके। आश्चर्य यह भी है कि कथित गोलीकांड के शिकार व्यक्ति को एम्स के चिकित्सकों ने कुछ घंटों में फिट घोषित कर दिया।