शिमला, 14 मार्च – नितिश पठानियां
विधानसभा सत्र के पहले दिन प्रश्नकाल से पहले विपक्ष ने नियम 67 के अंतर्गत काम रोको प्रस्ताव की मांग की। भाजपा ने क्षेत्र विकास विधायक निधि की आखिरी किश्त जारी करने को लेकर सदन में चर्चा की मांग की।
इसके बाद गहमागहमी के बीच बहस चलती रही, मगर बेनतीजा बहस के बीच विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव की मांग की और क्षेत्र विकास विधायक निधि को बहाल करने पर चर्चा करने की मांग की।
इस पर सरकार की ओर से गोल मोल जवाब देने की कोशिश की गई, जिसको लेकर विपक्ष नेवॉकआउटकरने का फैसला किया।
जयराम ठाकुर ने कहा कि पूर्व सरकार ने जिस क्षेत्र विकास विधायक निधि को कोविड-19 के समय में काम किया था। उसे फिर और बढ़ाकर 2 करोड़ रुपए कर दिया था।
जयराम ठाकुर ने कहा कि उनकी सरकार के दौरान इस निधि का डेढ़ करोड़ रुपए जारी कर दिया गया था और बची हुई आखिरी 50 लाख की राशि चुनावों के बाद जारी होनी थी।
जयराम ठाकुर ने वर्तमान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार बदलने के बाद कांग्रेस ने यह राशि रोक दी। बजट का हवाला देते हुए विधायकों को विकास के लिए दी जाने वाली राशि को रोक दिया। उन्होंने कहा कि पूरी जिम्मेदारी के साथ विपक्ष अपनी जिम्मेदारी निभाएगा।
इस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश की मौजूदा आर्थिक हालत ठीक नहीं है। जैसे ही स्थिति सुधरेगी विधायक निधि बहाल कर दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि विधायक निधि को बंद नहीं किया गया है बल्कि उसे रोका गया है। इस जबाव से विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ और नारेबाजी के साथ वाकआउट कर दिया।