प्रधानमंत्री आवास योजना में पात्र लोगों के लिए की गई जियो टैगिंग बनकर रह गया मजाक का विषय

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नूरपुर-देवांश राजपूत

नूरपुर क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना में पात्र लोगों के लिए की गई जियो टैगिंग मजाक का विषय बनकर रह गई । प्रति पंचायत सैंकड़ों पात्र कच्चे मकान वाले लोगों ने आवेदन किये थे जोकि प्रति पंचायत ढाई मकान ही अब तक स्वीकृत हुए हैं जोकि गरीब लोगों से भद्दा मजाक है ।

जिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं नूरपुर के पूर्व विधायक अजय महाजन ने वीरवार को राजा का बाग में पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि 2019 में नूरपुर विधानसभा क्षेत्र से करीब 5837 पात्र लोगों के नाम जियो टैगिंग के तहत दर्ज किए गए थे लेकिन अभी तक करीब 112 मकान स्वीकृत हुए हैं जोकि प्रति पंचायत ढाई मकान हिस्से आते हैं ।

महाजन ने कहा कि लोकसभा चुनावों से पहले की गई यह जियो टैगिंग एक और जुमला साबित हुई है । महाजन ने कहा कि यदि यही असल योजना का वास्तविक स्वरूप है तो अकेले नूरपुर क्षेत्र के ही आवेदनकर्ताओं को पचास साल मकान का इंतजार करना पड़ेगा ।

महाजन ने वनमंत्री राकेश पठानियाँ की कथनी पर सवाल दागते हुए कहा कि गत बर्ष वनमंत्री पठानियाँ ने नूरपुर में सार्वजनिक मंच से कहा था कि वह नूरपुर क्षेत्र के लिए पांच हजार मकान लेकर आये हैं तो वो मकान लोगों को अभी तक आवंटित क्यों नही हुए ।

महाजन ने कहा कि इस प्रक्रिया में सबसे ज्यादा पंचायत प्रधानों को जिम्मेदार ठहराने का प्रयास किया जा रहा है जोकि सरासर गलत है महाजन ने कहा कि यदि सरकार के आदेश पर पात्र लोगों के आवेदन जियो टैगिंग के जरिए लिए गए तो नाममात्र स्वीकृति में पंचायत प्रतिनिधियों के सिर पर दोष मढ़ने का प्रयास क्यों किया जा रहा है ।

महाजन ने मांग की है कि सरकार उक्त योजना के तहत जारी हुई बजट राशि के लिए श्वेत पत्र जारी करे ताकि असलियत जनता के सामने आए।

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