व्यूरो- रिपोर्ट
ग्रामीण स्तर तक पढ़े-लिखों से लेकर कम पढ़े यहां तक कि अनपढ़ लोगों के लिए भी खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड ने न केवल स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए हैं बल्कि उन्हें जॉब प्रोवाइडर भी बनाया है। बोर्ड के प्रयासों से आज प्रदेशभर में तीन साल में ही नौ हजार के करीब लोगों को डायरेक्ट रोजगार मिल पाया है।
यह जानकारी मंगलवार को खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के वाइस चेयरमैन पुरुषोतम चंद गुलेरिया ने दी। उन्होंने बताया कि खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड अब प्रदेशभर में खादी मित्र केंद्र खोलने जा रहा है। इसकी शुरुआत जिला कांगड़ा, मंडी, चंबा और किन्नौर से कर दी गई है। उन्होंने बताया कि हर जिला में दुकानदारों को खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड अपने प्रोडक्ट बेचने के लिए देगा।
इन प्रोडक्ट पर जो प्रोफिट आएगा उसमें आधा दुकानदार का होगा और आधा बोर्ड का। इससे लोगों के बीच खादी के प्रोडक्ट को पहुंचाने में आसानी होगी। गुलेरिया ने तीन साल का ब्यौरा देते हुए बताया कि इस समयावधि में प्रदेशभर में खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के 1234 यूनिट स्थापित किए गए और 8638 लोगों को सीधे तौर पर रोजगार इन यूनिटों में मिला।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खादी के लिए ब्रांड एंबेसेडर की तरह काम कर रहे हैं। वह जिस भी देश में जाते हैं वहां खादी का कुछ न कुछ प्रोडक्ट लेकर जाते हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री सेल्फ इंप्लायमेंट रोजगार योजना में हर साल टारगेट लेकर काम किया जा रहा है। इस मौके पर जिला कार्यालय के सहायक विकास अधिकारी रविकांत ठाकुर, प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष प्रेम सिंह भरमौरिया व अन्य मौजूद रहे।
चंबा, कांगड़ा, सोलन में अच्छा रिस्पांस
खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के प्रदेश उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम चंद गुलेरिया ने एक सवाल के जवाब में बताया कि इस वक्त प्रदेश में जिला चंबा में सबसे अधिक, उससे कम कांगड़ा और तीसरे नंबर पर सोलन में खादी को लेकर काम हो रहा है।
78 कर्मचारी-अधिकारी दे रहे सेवाएं
खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की दयनीय हालत को लेकर पूछे सवाल पर गुलेरिया ने बताया कि यह सही है कि बोर्ड के दफ्तरों की हालत प्रदेशभर में दयनीय है। प्रदेश में सेंक्शंड 167 पदों में से अभी 78 पर ही काम हो रहा है। 89 पद बोर्ड में खाली हैं।