कांगड़ा- राजीव जसवाल
प्रदेश सहित ज़िला कांगड़ा के शक्तिपीठों में स्थानीय व बाहरी राज्यों के श्रद्धालुओ की गहरी आस्था है । बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालु मंदिर में प्रसाद तो चढ़ा सकते है लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना नियमों के तहत हलवा पूरी नही चढ़ा सकते । जिससे उनकी आस्था को ठेस पहुंच रही है। वही मंदिरों में भी लंगर बंद पड़े है।
प्रदेश ब्राह्मण कल्याण परिषद व कांगडा व्यापार मंडल के अध्यक्ष वेद प्रकाश शर्मा ने सरकार से आग्रह किया है कि मंदिरों में लंगर व हलवा चढ़ाने का आदेश दे ताकि श्रद्धालुओ की आस्था को ठेस ना पहुंचे।
उन्होने कहा कि प्रदेश के शक्तिपीठों में बाहरी व स्थानीय श्रद्धालुओं की गहरी आस्था है। जब वह यहां मंदिर में दर्शनों के लिए आते हैं तो कन्या पूजन के दौरान उन्हें हलवा चढ़ाने नहीं दिया जा रहा है। जिससे उनकी आस्था को ठेस पहुंच रही है।
उन्होनें सरकार से मांग की है कि कोरोना नियमों को ध्यान में रखते हुए, जल्द से जल्द प्रदेश के मंदिरों में लंगर और हलवा पूरी चढ़ाने की अनुमति दे। उन्होंने कहा अब जबकि प्रदेश सरकार ने विवाह शादियों व अन्य समारोह में लोगों को धाम आदि आयोजन करने की अनुमति प्रदान कर दी है तो मंदिरों में भी श्रद्धालुओं के लिए लंगर व्यवस्था शुरू की जाए।
उन्होंने कहा कि वहीं श्रद्धालुओं को मंदिरों में कड़ा प्रसाद चढ़ाने की भी अनुमति प्रदान की जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि जिस तरह से बाकी धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन करने की अनुमति प्रदान की है उसी तरह मंदिरों को भी कोविड-19 के तहत सुविधाएं प्रदान की जाएं।