शिमला – नितिश पठानियां
डिजिटल टेक्नोलॉजी ने हर काम को बेहद आसान बना दिया है। अब लोग अपने पार्टनर की तलाश करने के लिए डिजिटल मध्यम यानी डेटिंग ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। आपको ऐसे बहुत से कपल मिल जाएंगे, जिन्होंने अपने पार्टनर को डेटिंग ऐप्स के माध्यम से ढूंढा है, लेकिन डेटिंग ऐप्स का अनुभव सबके लिए सही हो, ऐसा संभव नहीं है।
बहुत से लोग डेटिंग ऐप्स पर साइबर ठगी का शिकार भी हो रहे हैं। साइबर पुलिस ने युवाओं का सतर्क रहने की हिदायत दी है। आज इंटरनेट पर 100 से अधिक डेटिंग ऐप्स हैं, जहां पर लडक़े लड़कियों को अपने पार्टनर की तलाश रहती है।
कुछ लडक़े-लड़कियां तो वास्तव में पार्टनर की तलाश में ही इन प्लेटफार्म का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन बहुत से लडक़े लड़कियां ऐसी होती हैं, जो प्यार के नाम पर अपोजिट जेंडर को अपने जाल में फंसाने का काम कर रहे हैं। डेटिंग ऐप्स पर पार्टनर बनाने को लेकर साइबर सेल शिमला की ओर एडवाइजरी जारी की गई है।
डीआईजी साइबर क्राइम मोहित चावला के बोल
उधर, डीआईजी साइबर क्राइम मोहित चावला का कहना है कि ऐसे बहुत से कपल्स हैं, जिन्होंने अपने साथी को डेटिंग ऐप्स से ढूंढा है, लेकिन डेटिंग ऐप्स का अनुभव सबके लिए सही नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग इन एप्स से साइबर क्राइम के शिकार भी हो रहे है। ऐसे में सतर्क रहना जरूरी है।
डीआईजी ने युवाओं से डेटिंग ऐप्स पर अकाउंट खोलने से पहले विभिन्न बातों का ध्यान रखने की सलाह दी है। साइबर सेल द्वारा जारी की गई एडवाइजरी में बताया गया है कि अगर आप डेटिंग ऐप्स का इस्तेमाल करते हंै, तो बिना किसी जानकारी के हर व्यक्ति से मित्रता करने से बचें।
डेटिंग ऐप्स पर अगर आपकी मित्रता किसी अनजान व्यक्ति से हो जाती है, तो जल्दबाजी में आकर उसके साथ अपनी निजी जानकारी साझा न करें। इसके अलावा डेटिंग ऐप्स पर मित्रता होने के बाद अगर आपसे कोई मदद के नाम पर पैसे की मांग करता है, तो सतर्क हो जाएं।
डेटिंग ऐप्स पर अगर कोई अनजान व्यक्ति मित्रता होने के बाद दुखभरी कहानी सुनाकर आपसे किसी प्रकार की डिमांड करता है, तो ऐसे लोगों से बचें।