धर्मशाला, राजीव जसवाल
प्रशासन को जो सूचना मिली है उसके तहत 1700 से अधिक विदेशी परिंदों की मौत हुई हैं,जो प्रारंभिक रिपोर्ट जालंधर व पालमपुर से आई है, उसके हिसाब से यह फ्लू है।
यह किस तरह का फ्लू है, इसकी फाइनल रिपोर्ट भोपाल से आनी है, जिसमें इसके वर्ड फ्लू होने की पूरी संभावना है। इसी के चलते पिछले दो-तीन दिन से प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी किया गया था।
डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने बताया कि पौंग डैम के एक किलोमीटर एरिया को रेड जोन बनाया गया है और आगे का 9 किलोमीटर का एरिया को सरविलांस जोन बनाया गया है।
सोमवार को इसी संदर्भ में संबंधित विभागों से बैठक कर आगामी रणनीति तैयार कर की गई है, जिला उपायुक्त ने कहा कि आने वाले समय में स्प्रैड को रोकने के प्रयास होंगे और नार्मल पापुलेशन में यह न जाए, उसके लिए यथासंभव प्रयास किए जाएंगे।
जिला उपायुक्त ने कहा कि मानव जाति के लिए भी यह फ्लू घातक हो सकता है, क्योंकि वर्तमान में कोविड का समय चल रहा है और फ्लू के लक्षण भी कोविड की तरह ही होते हैं, ऐसे में लोगों को हमें सेपरेट करना मुश्किल हो जाएगा।
वर्तमान में सबसे जरूरी है एहतियात रखना, कोविड काल में फ्लू की मार पड़ती है तो यह डबल मार होगी, इसीलिए आम जनता से बार-बार आग्रह किया जा रहा है कि सतर्क रहें और स्थानीय प्रशासन को संपर्क करें, क्योंकि इसके चलते सभी संबंधित विभागों को अलर्ट पर रखा गया है।
बैठक में लिए गए कुछ अहम निर्णय:
बैठक में निर्णय लेकर इंदौरा, फतेहपुर, ज्वाली व देहरा में चिकन, मछली, अंडों की सेल और एक्सपोर्ट को पूर्णया बैन किया गया है।
जिसके चलते संबंधित उपमंडलों में ऐसी दुकानें आज से ही बंद रहेंगी, पौंग डैम में पर्यटन व अन्य गतिविधियों को तीन दिन पहले स्थगित कर दिया गया है।
डीसी ने कहा कि वर्ड फ्लू के फैलने का खतरा बना हुआ है, ऐसे में लोग अपने मवेशियों को चराने के लिए पौंग डैम की ओर न जाएं, क्योंकि पहले ही कोविड का खतरा बना हुआ है। आम जनता से यही अपील है कि जो दिशानिर्देश दिए जा रहे हैं उन्हें अपनायें।