नगरोटा सूरियां, निजी संवाददाता
पौंग झील के नगरोटा सूरियां बीट से वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र में झील की खाली भूमि पर मवेशियों सहित रह रहे बाहरी राज्यों से गुज्जर समुदाय के लोगों को वन्य प्राणी विभाग ने प्रशासन व स्थानीय जनता के सहयोग से हटा दिया। बताते चलें कि पिछले कई महीनों से पौंग झील की खाली पड़ी भूमि पर पंजाब व जम्मू से इस समुदाय के लोग अपने हजारों मवेशियों को लेकर यहां आकर रह रहे थे।
हालांकि वन्य जीव प्राणी विभाग ने इनको कई बार झील की खाली भूमि से हटाता रहा है। परंतु यह निरंतर रात को ढेरों सहित पहुंच रहे थे। जिस वजह से पूरी झील के खाली क्षेत्र में इनके मवेशी भर चुके थे। रविवार को वन्य प्राणी विभाग ने प्रशासन व स्थानीय महिलाओं सहित जनता के सहयोग से झील में पहुंचकर इनको ढेरों को हटाया।
इस समुदाय के करीब 20 ट्राले भरकर इनके वापिस राज्यों को भेजें गए। स्थानीय लोगों का कहना था कि इनके मवेशियों की अज्ञात बीमारी से उनके मवेशी भी मर रहे हैं, जिस कारण इस बीमारी का फैलना बढ़ सकता था। इसी सुरक्षा के मध्यनजर लोगों को प्रशासन के सहयोग से इनको हटाना पड़ा।
जनता ने कोरोना काल में बाहरी राज्यों से बिना किसी परमिशन के हजारों की संख्या में प्रशासन की आंखों में धूल झोंक कर पहुंचने पर प्रशासन के प्रति रोष प्रकट किया। अब प्रशासन ने मवेशियों के साथ रह रहे इस समुदाय के लोगों को सुबह पौंगझील की खाली क्षेत्र को मवेशियों सहित छोड़ने के लिए लिखित रूप से लिया है।
वहीं इस बारे वन्य प्राणी विभाग के डीएफओ रोहन रहाणे ने कहा कि गुर्जरों को वन्य जीव अभ्यारण्य क्षेत्र से जनता व प्रशासन के सहयोग से हटाया गया है और आगे भी यह निरंतर प्रक्रिया जारी रहेगी।