पैसे की होने वाली है बरसात, महाशिवरात्रि पर इन 3 राशि वाले लोगों की बदल रही है किस्मत

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शाहपुर – नितिश पठानियां

फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का महापर्व बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। शास्त्रों में इस दिन देवों के देव महादेव की पूजा का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यता है कि जो भी भक्त इस दिन व्रत रखता है और विधि-विधान से पूजा करता है, उसकी मनोकामनाएं शीघ्र ही पूरी होती हैं।

शाहपुर के ज्योतिषी आचार्य पंडित अमित कुमार शर्मा ने बताया कि इस वर्ष महाशिवरात्रि 26 फरवरी को है। उन्होंने कहा कि हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी, 2025 को सुबह 11:08 बजे से शुरू हो रही है और 27 फरवरी 2025 को सुबह 08:54 बजे तक रहेगी। इसलिए महाशिवरात्रि 26 फरवरी को मनाई जाएगी।

आचार्य पंडित अमित कुमार शर्मा ने बताया कि महाशिवरात्रि पर श्रवण नक्षत्र का संयोग बन रहा है। श्रवण नक्षत्र इस दिन सुबह से लेकर शाम 5:08 बजे तक प्रभावी रहेगा। इस दिन बुध, शनि और सूर्य तीनों कुंभ राशि में विराजमान होंगे। ऐसे में बुधादित्य योग, त्रिग्रही योग का निर्माण हो रहा है, जो कई राशियों के लिए शुभ साबित होगा।

महाशिवरात्रि 2025 राशियों को लाभ

मेष राशि—महाशिवरात्रि मेष राशि के जातकों के लिए खुशियां लेकर आ रही है। पद के साथ पैसा बढऩे के योग, जिस काम को करने की कई दिनों से सोच रहे हैं उसमें सफलता मिलेगी। बिजनेस को सुचारू रूप से चलाने के लिए योजनाएं फलित होंगी। नए अवसर आपको आर्थिक स्थिति मजबूत करने का मौका देंगे। आपके परिश्रम का फल आपको अवश्य मिलेगा। आर्थिक स्थिति भी मजबूत बनी हुई है। मेहनत को पूरा फायदा मिलेगा।

सिंह राशि— सिंह राशि वालों पर भी महाशिवरात्रि पर शिव कृपा बरसेगी। इस दिन बन रहे दुर्लभ संयोग आपके तरक्की के रास्ते सुलभ करेंगे। सैलेरी बढ़ सकती है। वाहन, संपत्ति, घर खरीदने के प्रबल योग हैं। धन की आवक बढ़ेगी। वैवाहिक जीवन में चल रहा तनाव खत्म होगा।

मिथुन राशि— महाशिवरात्रि मिथुन राशि राशि वालों के लिए शुभ साबित होगी। नए कार्य की शुरुआत करने की सोच रहे हैं तो व्यापार में कोई अच्छी डील हाथ लग सकती है। जो लंबे समय तक फल प्रदान करेगी। शिव और शनि की कृपा से आर्थिक रूप से लाभ मिलेगा।

क्यों मनाया जाता है शिवरात्रि पर्व

पौराणिक कथा के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिए हर वर्ष फाल्गुन माह की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। इस खास अवसर पर देशभर में शिव मंदिरों में महादेव की पूजा विशेष पूजा-अर्चना होती है।

साथ ही महाभिषेक किया जाता है। इसके अलावा शिव भक्त महादेव की बारात निकालते हैं। धार्मिक मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर शिव की उपासना और व्रत करने से विवाह में आ रही बाधा से छुटकारा मिलता है और जल्द विवाह के योग बनते हैं।

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