कराची के ल्यालपुर और गुजरांवाला के गोजरा में कई जगह है हिमाचल सरकार की जमीनें
एचपी एसआईडीसी के नाम दर्ज पाक जमीन की रजिस्ट्रियां
नाहन के राजा ने उद्योग स्थापित करने को खरीदे थे भू-खंड
सितंबर 1962 को हिमाचल सरकार के नाम हुई थी रजिस्ट्री
शिमला-जसपाल ठाकुर
हिमाचल प्रदेश सरकार का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में मालिकाना हक निकला है। कराची के ल्यालपुर और गुजरांवाला के गोजरा के कई भू-खंड हिमाचल के नाम हैं। पाकिस्तान में स्थित इन जमीनों की बाकायदा रजिस्ट्रियां राज्य सरकार के हिमाचल प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (एचपी एसआईडीसी) के नाम दर्ज हैं।
अचानक पाकिस्तान में निकले हिमाचल के हिस्से की पड़ताल एचपीएसआईडीसी ने भी शुरू कर दी है। असल में पाकिस्तान की यह जमीनें नाहन के राजा ने नाहन फाउंड्री के लिए खरीदी थी। नाहन फाउंड्री के कंपनी एक्ट की जद में आने से 27 मार्च, 1952 को नाहन के राजा ने नाहन फाउंड्री की सभी संपत्तियां 30 लाख की राशि में भारत सरकार को बेच दी। हिमाचल प्रदेश के अस्तित्व में आने के बाद राष्ट्रपति के सचिव ने 27 सितंबर, 1962 को विशेष अधिसूचना जारी की।
इसमें नाहन फाउंड्री की सभी संपत्तियों को सेल डीड सहित हिमाचल सरकार के नाम कर दिया। इसी प्रक्रिया में वर्ष 2012 में हिमाचल सरकार ने नाहन फाउंड्री कंपनी को एचपी एसआईडीसी में मर्ज कर दिया। इसके बाद प्रदेश सरकार ने नाहन फाउंड्री की विवादित संपत्तियों के निपटारे के एचपी एसआईडीसी को निर्देश दिए। इसी कवायद में अब एचपी एसआईडीसी अपनी प्रदेश के बाहर की संपत्तियों को खोज रही है।
इस आधार पर स्पष्ट हुआ है कि एचपीएसआईडीसी की हरियाणा के बहादुरगढ़, पंजाब के लुधियाना और उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरपुर के शाहपुर में संपत्तियों का विवाद चल रहा है। उत्तराखंड के रइसी में भी एचपी एसआईडीसी का 1100 वर्ग मीटर का भूखंड है।
एचपी एसआईडीसी के अफसरों के होश उस समय फाख्ता हुए, जब लिटिगेशन के दौरान पाकिस्तान के भू-सौदों की सूची सामने आई। सूचना के अनुसार एचपी एसआईडीसी के अधिकारी लुधियाना की संपत्ति का केस कोर्ट में लड़ने के लिए रिकार्ड लेकर वहां पहुंचे।
इसी दौरान रिकार्ड की छानबीन में ल्यालपुर और गोजरा के भू-खंड की रजिस्ट्रियां अफसरों के हाथ लगी। इसके बाद पता चला कि पाकिस्तान में भी हिमाचल का मालिकाना हक है। अब एचपी एसआईडीसी के एमडी राकेश प्रजापति ने
पाकिस्तान में मिली हिमाचल की जमीनों का पूरा रिकार्ड अपने विधि विभाग से पेश करने को कहा है। इस आधार पर यह मामला सरकार के ध्यान में लाकर आगामी प्रक्रिया शुरू की जाएगी।