हिमखबर डेस्क
हिमाचल प्रदेश की कुल्लू पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने उपायुक्त कार्यालय को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले मुख्य आरोपी नितिन शर्मा उर्फ ‘खालिद’ को कर्नाटक के मैसूर से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को अदालत ने पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
यह कार्रवाई इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आरोपी पर न केवल हिमाचल, बल्कि देश के कई अन्य राज्यों में भी इसी तरह की धमकी भरी ई-मेल भेजने का आरोप है। यह जानकारी मंगलवार को कुल्लू के तेज तर्रार पुलिस अधीक्षक डॉ. कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन ने दी।
जानकारी के मुताबिक आरोपी वर्ष 2015 से घर से निकला हुआ था और हरियाणा में एक मुस्लिम मौलिक संगठन के संपर्क में आया था। वह न्यायिक हिरासत में चल रहे आरोपी मौलाना करीम सिद्दीकी की विचारधारा से प्रभावित हो गया। हिंदू होने के बावजूद, आरोपी ने धर्म बदलकर अपना नाम खालिद रखा और लगातार इस तरह की आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता रहा।आरोपी धमकी भरी ई-मेल भेजने के लिए ₹30,000 रुपये लेता था।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी नितिन शर्मा निवासी, नई दिल्ली ने 2 मई को डीसी कार्यालय कुल्लू को बम धमाके से उड़ाने की धमकी भरा ई-मेल भेजा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस टीम ने तुरंत छानबीन शुरू की। साइबर टूल्स की मदद से यह पता चला कि मेल कर्नाटक से चोरी किए गए एक फोन से भेजी गई थी। पुलिस को सीसीटीवी फुटेज से भी अहम सुराग मिले।
जांच में सामने आया कि आरोपी नितिन शर्मा अन्य लोगों के आईपी एड्रेस का इस्तेमाल करता था। उसने एक बार और एक रेस्तरां में आर्मी का फर्जी अफसर बनकर हॉटस्पॉट का उपयोग किया और पुडुचेरी, केरल तथा तमिलनाडु में भी ऐसी ही धमकियां मेल के माध्यम से भेजी। पुलिस को जैसे ही आरोपी के हुबली (कर्नाटक) के करीब होने की जानकारी मिली, मैसूर पुलिस की मदद से उसे धर दबोचा गया और कुल्लू लाया गया।
पुलिस पूछताछ में पता चला है कि आरोपी नितिन शर्मा वर्ष 2015 से घर से निकला हुआ था और हरियाणा में एक मुस्लिम मौलिक संगठन के संपर्क में आया था। वह न्यायिक हिरासत में चल रहे आरोपी मौलाना करीम सिद्दीकी की विचारधारा से प्रभावित हो गया। हिंदू होने के बावजूद, आरोपी ने धर्म बदलकर अपना नाम खालिद रखा और लगातार इस तरह की आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता रहा।
पूछताछ में यह भी सामने आया है कि आरोपी के खिलाफ हत्या सहित कई संगीन आपराधिक मामले विभिन्न राज्यों में पहले से ही दर्ज हैं।पुलिस अब इस बात की गहनता से जांच कर रही है कि आरोपी कौन सी अवैध गतिविधियों और संगठनों से जुड़ा हुआ है।