सोलन, जीवन वर्मा
परवाणू-शिमला फोरलेन में फिलहाल टोल टैक्स नहीं वसूला जाएगा। कुछ माह पूर्व स्थापित टोल प्लाजा में हो रही टोल वसूली पर प्रदेश उच्च न्यायालय ने स्टे लगा दिया है। माननीय न्यायालय ने इस संबंध में आदित सिंगल द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया है।
न्यायालय ने याचिकाकर्ता द्वारा पेश की गई दलील सहित सड़कों की हालत ठीक न होने, आधारभूत सुविधाओं की कमी व कुछ जगहों पर अभी निर्माण जारी होने आदि को मद्देनजर रखते हुए स्टे लगाया है। यह स्टे आगामी आदेशों तक जारी रहेगा। गौर रहे कि एनएचएआई ने परवाणू-सोलन फोरलेन के बीच सनवारा में टोल प्लाजा स्थापित किया है।
यह टोल प्लाजा 19 अप्रैल से कार्यरत भी हो गया था और राजस्थान की कोरल एसोसिएट्स कंपनी द्वारा टोल टैक्स शुल्क लिया जा रहा था। इस पर संज्ञान लेते हुए पंचकूला निवासी और पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट आदित सिंगल ने प्रदेश उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की थी। इस याचिका में उन्होंने फोरलेन निर्माण का कार्य अधूरा होने का हवाला देते हुए माननीय न्यायालय से गुहार लगाई थी कि इस टोल प्लाजा का तुरंत प्रभाव से बंद किया जाए।
उन्होंने याचिका में कहा था कि अधूरे निर्माण कार्य के बावजूद एनएचएआई द्वारा फोरलेन निर्माण कंपनी जीआर इन्फ्रा को 90 प्रतिशत कार्य पूरा होने का सर्टिफिकेट देना अनुचित है। इतना ही नहीं, प्रदेश के प्रवेशद्वार परवाणू में वाहनों से एंट्री टैक्स लिया जाता है, जिसके करीब 17 किलोमीटर बाद एक बार फिर से वाहन चालकों को अपनी जेबें ढीली करनी पड़ रही हैं।
याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एल नारायण स्वामी और जस्टिस अनूप चितकारा की खंडपीठ ने सनवारा टोल प्लाजा पर टोल वसूली पर अगले आदेशों तक स्टे लगा दिया है। उधर, सनवारा पंचायत के प्रधान दिनेश ठाकुर ने कहा कि कोर्ट ने सड़क की हालत ठीक नहीं होने तथा अन्य आधारभूत सुविधाओं की कमी के मद्देनजर टोल वसूली पर फिलहाल स्टे लगाया है। स्थानीय जनता की मांग थी कि टोल आसपास के लोगों के लिए बिल्कुल फ्री होना चाहिए।