नूरपुर – सवर्ण राणा
जिला काँगड़ा के सबसे प्रसीद मंदिर में से एक नागनी माता का मंदिर यहाँ हर साल नागनी माता मेला कमेटी की औऱ से सावन और भादो के महीने मे हर शनिवार को 9 मेलो का आयोजन किया जाता है।
मंदिर कमेटी के प्रधान प्रीतम सिंह ने बताया कि जब से माता नागनी पैदा हुई है। तब से लेकर हर साल सावन औऱ भादो के महीने मे 9 शनिबार को मेले का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि रेवनियु रिकार्ड के अनुसार 1859 से ही माता का स्थान दर्ज है। तभी से लेकर इस मेले का आयोजन होता आया है।
इस मेले का आयोजन नागनी गॉव के चार परिबार के द्वारा किया जाता हैं। इसके आगे उन्होंने नागनी माता मंदिर कमेटी का आयोजन किया है। जिसके देख रेख में हर साल इस मैले का आयोजन होता है। ये मेला पूरे 9 शनिवार तक चलता है।
आज 8 वा शनिवार को मेले मे काफी भीड़ देखी गई। जहाँ लोगो ने माँ नागनी का दर्शन कर के अपने आप को सोभाग्य शाली माना, वही बच्चों ने झूले का आनंद लिया और वही महिलाओ ने जम के खरीददारी की।
इस मंदिर की मान्यता है कि नागनी माता के चरण से निकला हुआ जल के साथ नहाने से अनेक प्रकार की चरम रोग जड़ से ही खत्म हो जाते हैं। इसलिए लोग जम कर पानी ने अठखेलिया करते हैं।
यहाँ का मिट्टी वाला शकर जो अपने घरों में लेकर जाते है। उस जगह कोई साँप और बिच्छू नही आते हैं। यदि किसी को साँप काट जाता है तो उसको तुरंत इस शकर का लेप लगाने से साँप का काटा हुआ ज़हर उसी समय ख़तम हो जाता हैं।
मंदिर कमेटी के प्रधान प्रीतम सिंह ने लोगो से अपील किया है कि अगले शनिवार को मेले का अंतिम दिन होंगा, इसलिए मेले मे ज्यादा से ज्यादा लोग आकर मेले की शोभा बढ़ाये औऱ भंडारे का आनंद ले।