किसान सभा और ज्ञान विज्ञान समिति ने जताया शोक
शिमला – नितिश पठानियां
जाने माने कृषि वैज्ञानिक मंडी (देओधार ) निवासी प्रो. आर.के. राजू के निधन पर हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति और हिमाचल किसान सभा ने गहरा शोक व्यक्त किया है और शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। प्रो. राजू ने चौधरी सरवन कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में अपनी सेवाएं दी।
हिमाचल किसान सभा के राज्याध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि प्रो. राजू लघु और सीमांत किसानों के प्रति हमेशा संवेदनशील रहे और उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए काम करते रहे। प्रो. राजू किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के समर्थक रहे।
उनका मानना था कि किसानों की स्थिति को मज़बूत करने के लिए जहां उन्हें फसल का उचित दाम मिलना चाहिए। वहीं उनके उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने की ज़रूरत है ताकि किसान आढ़तियों और बिचौलियों के शोषण का शिकार न हों।
किसान अपनी अतिरिक्त फसल का प्रसंस्करण करके उसे अधिक दामों पर बाज़ार में बेच सकें। वे मक्की को प्रदेश की सबसे बड़ी नकदी फसल के तौर पर उभरना चाहते थे जिसके लिए उन्होंने अपने शोध में मक्की के 32 किस्म के सह उत्पाद तैयार करने की एक महत्वकांक्षी योजना भी तैयार की थी।
वहीं हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति के राज्य अध्यक्ष , डॉ. ओम प्रकाश भुरेटा एवं राज्य सचिव सत्यवान पुंडीर ने कहा कि साक्षरता अभियान के समय में प्रो. राजू ने ज्ञान विज्ञान समिति को भी सुझाव दिए कि समिति किसानों के बीच इस बात का प्रचार करे कि मक्की से उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो सकती है। सत्यवान ने समिति की ओर से डॉ. राजू को श्रद्धांजलि देते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति है गहरी संवेदनाएं व्यक्त की।
डॉ तंवर ने कहा कि यह खेद की बात है कि किसी भी सरकार ने उनके इस विचार पर गैर नहीं किया और इसे आगे नहीं बढ़ाया। डॉ. तंवर ने कहा कि प्रो. राजू के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि उनके काम और विचार को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश की कृषि आर्थिकी को मज़बूत किया जाए।