हमीरपुर, व्यूरो
प्रदेश की जनता की तीन वर्षों तक लगातार हुई उपेक्षा के कारण अब नगर निगम चुनावों में बीजेपी की हालत पंजाब नगर निगम के चुनावों के नतीजों जैसी होगी क्योंकि शहरी क्षेत्र की आवाम अब सरकार की ज्यादतियों के बाद हिमाचल नगर निगम के चुनावों में भी बीजेपी को सबक सीखाने का मन बना चुकी है।
प्रदेश में नगर निगम चुनावों में अब फैसला मतदाताओं को करना है कि नगर निगम में बैनरों, वायदों, विज्ञापनों या जुमलों वाली सरकार चाहिए या जन सुविधाओं की पैरवी करके आम आदमी को मुख्य धारा में लाकर खड़ा करने वाली सरकार चाहिए। यह बात सोलन नगर निगम के पर्यवेक्षक एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने जारी प्रेस बयान में कही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की शहरी व शिक्षित आवाम तीन वर्षों से ज्यादा जयराम सरकार की कारगुजारी को देख परख व समझ रही है।
दूसरी ओर प्रदेश की सरकारों को विधानसभा में स्थापित करने वाली शहरी आवाम ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की कांग्रेस सरकार को भी देखा व परखा है। कांग्रेस सरकार में बातें कम व विकास को ज्यादा तरजीह दी जाती थी जबकि जयराम सरकार में बातें, वायदे और जुमले ज्यादा दोहराए जाते हैं जबकि विकास पूरी तरह ठप्प रहता है। यह प्रदेश की जनता ने पिछले तीन सालों में देखा है।
उन्होंने कहा कि नगर निगम चुनावों में यह फैसला होगा कि प्रदेश में जनता किस तरह की सरकार चाहती है। बीजेपी का मकसद सत्ता हासिल करने के बाद आम आदमी को सताना साबित हुआ है जबकि कांग्रेस कि सत्ता का मकसद जन सेवा व आम आदमी को विकास की मुख्यधारा में लाने का रहता है।
उन्होंने कहा कि समूचे प्रदेश के नगर निगम चुनावों पर अगर नजर डाली जाए तो बीजेपी सरकार के खिलाफ जनता का गुस्सा निरंतर छलकता व झलकता दिख रहा है जिसको देखकर यह कहना गलत न होगा कि अब शहरी आवाम बीजेपी सरकार को और ज्यादा झेलना व सहना नहीं चाह रही है क्योंकि यह साफ हो चुका है कि जिस मंशा और मकसद से प्रदेश की जनता ने बीजेपी को विधानसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत दिया था,
जनता की उस मंशा और मकसद को बीजेपी के सत्ताधीशों ने आराम फरमाने और ऐश करने का जरिया साबित किया है। प्रदेश का आम नागरिक महंगाई, महामारी व सरकार द्वारा लगाए जाने वाले विभिन्न टैक्सों से दुखी हो रहा है लेकिन सरकार कर्ज लेकर अपनी सत्ता को कायम रखने के जुगाड़ों में लगी है।
सरकार के इस रवैये से प्रदेश की आवाम का अब प्रदेश में लोकतंत्र पर भरोसा खत्म हो रहा है। जनहितों की उपेक्षा, जनता के जनादेश का अपमान ही नहीं बल्कि प्रताड़ना का साधन बनकर रह गया है। अब नगर निगम के चुनावों में जनता जयराम सरकार को जनता की घोर उपेक्षा कर जवाब निश्चित तौर पर देगी।
उन्होंने सोलन नगर निगम की आवाम से अपील की है कि इस बार बीजेपी सत्ता के शुतर्मुगों की चालों व झूठे झांसों से बचें क्योंकि पिछले हर चुनाव की तरह इस चुनाव में भी बीजेपी के लोग आसमान से तारे तोड़ लाने के दावे व झांसे दे रहे हैं लेकिन चुनाव जीतते ही यह जनता की हर बात को भूल जाते हैं। राणा ने कहा कि नगर निगम के चुनावों में जब भी बीजेपी के लोग वोट मांगने आएं तो बीजेपी के दृष्टिपत्र का क्या हुआ, इस पर जरूर उनसे सवाल पूछें व अपने मत का प्रयोग झांसेबाजियों की राजनीतियों से ऊपर उठकर करें ताकि प्रदेश को नगर निगम चुनावों में विकास की विचारधारा वाले जन प्रतिनिधि मिल सकें।