मंडी – अजय सूर्या
देश की युवा सेलिब्रिटी पंचायत प्रधान रही एवं ओरिएंटल फाउंडेशन की संस्थापक युवा पत्रकार जबना चौहान की मां धर्मी देवी मर्डर कांड के जांच अधिकारी को पुलिस अधीक्षक मंडी ने हटा दिया है। इस जांच का दायित्व अब थाना प्रभारी गोहर लाल चंद ठाकुर की जगह इंस्पेक्टर पुरुषोत्तम को सौंपा गया है।
जबना चौहान ने गत दिन पुलिस अधीक्षक मंडी से भेंट कर अपनी मां धर्मी देवी के मर्डर कांड की जांच को लेकर सवाल उठाए थे, जिसको गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक मंडी ने जांच अधिकारी को हटाकर इसका जिम्मा दूसरे अधिकारी को सौंप दिया है।
जांच का दायित्व मिलते ही जांच अधिकारी इंस्पेक्टर पुरुषोत्तम ने रविवार को घटनास्थल का दौरा किया तथा मामले को लेकर जांच जारी की। उन्होंने पीड़ित परिवार को निष्पक्ष जांच कर इस मामले के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है।
ये बोली जबना
“मेरी मां के मर्डर कांड के जांच अधिकारी को हटाने की मेरी मांग को स्वीकार करने के लिए मैं पुलिस अधीक्षक मंडी का आभार प्रकट करती हूं तथा उम्मीद करती हूं कि नए जांच अधिकारी इस मामले की निष्पक्ष जांच करेंगे तथा मेरी मां के हथियारों के खिलाफ सबूत जुटा कर मेरी दिवंगत मां को इंसाफ दिलाएंगे।”
क्या है मामला
जबना चौहान की मां धर्मी देवी पर एक ही परिवार के चार सदस्यों ने गत 12 अप्रैल को उस समय किसी तेज धार हथियार से जानलेवा हमला कर दिया जब धर्मी देवी साथ लगते गांव में शोक प्रकट करने के लिए जा रही थी। हमलावरों ने इस घटना को हादसा दर्शाने के लिए जख्मी हालत में धर्मी देवी को ढांक से नीचे फेंक दिया। इस हादसे में धर्मी देवी कोमा में चली गई तथा 6 माह तक आईजीएमसी शिमला में वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत से जुड़ती रही। सात माह तक पुलिस की कार्यप्रणाली परिजनों के मुताबिक संतोषजनक नहीं रही।
मगर धर्मी देवी की मौत के उपरांत भारतीय दंड संहिता की धाराएं बदलने पर धारा 307 व 302 जुड़ जाने से इनमें से तीन आरोपी नरेश उर्फ सुरेश उसकी पत्नी केसरी देवी तथा बेटे घनश्याम ने डर के मारे अग्रिम जमानत के लिए माननीय सत्र न्यायाधीश मंडी के समक्ष अर्जी दी जिसे माननीय न्यायालय ने खारिज कर दिया मजबूरन पुलिस को इन तीनों को हिरासत में लेना पड़ा। उसके उपरांत पुलिस हरकत में आई।
इनमें से दो आरोपी नरेश उर्फ सुरेश और उसकी पत्नी केसरी देवी वर्तमान समय 8 दिन के पुलिस रिमांड के उपरांत न्यायिक हिरासत में है। जबकि आरोपी घनश्याम को जांच अधिकारी ने 5 दिन के रिमांड के उपरांत अदालत में पेश करने के बजाय अपने स्तर पर थाने से ही इस तर्क के साथ छोड़ दिया कि वह मौके पर नहीं था।
परिजनों का आरोप है कि जांच अधिकारी ने इस मामले में शामिल बिसनी देवी नामक महिला से कोई पूछताछ नहीं की तथा घनश्याम को भी पूछताछ करने के बजाए जांच के दायरे से बाहर कर दिया। परिवार की ओर से मिली शिकायत को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक मंडी ने जांच अधिकारी को इस मामले से हटा दिया तथा नया जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया अब परिजनों को इंसाफ मिलने की एक बार फिर से उम्मीद जगी है।
ये बोली एसपी
धर्मी देवी मर्डर कांड के मामले को लेकर पीड़ित परिजनों की ओर से शिकायत मिली है। जिसके आधार पर इस मामले में नया जांच अधिकारी लगाया गया है। पुलिस मामले की तह तक जाएगी तथा निष्पक्ष जांच की जाएगी। इसमें संलिप्त किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।