छह माह के लिए देवता ने मंदिर के कपाट बंद रखने के दिए आदेश, सावन महीने में दूर से ही कर सकते हैं बिजली महादेव के दर्शन, बिजली महादेव पहाड़ी पर रोपवे निर्माण को लेकर बताई जा रही नाराजगी
हिमखबर डेस्क
प्रसिद्ध बिजली महादेव का मंदिर सावन माह में श्रद्धालुओं के लिए बंद हो गया है। देव आदेश पर आगामी छह माह के लिए मंदिर में कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है। श्रद्धालु मंदिर के भीतर प्रवेश नहीं कर पाएंगे, महादेव के दर्शन भी बाहर से ही होंगे। बिजली महादेव ने गूरवाणी से आदेश दिया है। बताया जा रहा है कि बिजली महादेव पहाड़ी पर रोपवे निर्माण से रुष्ट हैं।
मंदिर परिसर के आसपास कुछ नई दरारें भी देखी गई हैं। ऐसे में अब घाटी के लोगों को भी डर सताने लगा है। पिछले कई सालों से बिजली महादेव रोपवे को लेकर विवाद चल रहा है। महादेव ने गुरवाणी के माध्यम से कहा है कि यहां रोपवे नहीं बनना चाहिए।
लेकिन रोपवे निर्माण के लिए वकायदा कंपनी को टेंडर कर दिया गया और इतना ही नहीं इसके दायरे में आने वाले पेड़ों का भी कटान भी शुरू कर दिया है। मौजूदा समय तक 72 पेड़ों का कटान कर दिया है। इसकी लकड़ी अभी वहीं पर है। जिसको ले जाने से लोगों ने मनाही कर दी है। अब लोगों ने फिर से महादेव परिसर में रोपवे का विरोध जताया है। 25 जुलाई को इसके लिए एक विशाल प्रदर्शन रखा गया है।
सावन महीने में बिजली महादेव मंदिर पहली बार श्रद्धालुओं के लिए बंद हो रहा है। मंदिर सर्दी के मौसम में जरूर दिसंबर की संक्रांति को बंद होता है और इसके बाद महाशिवरात्रि पर मंदिर के कपाट खुलते हैं।
बिजली महादेव रोपवे के विरोध में बुजुर्ग शिवनाथ ने कहा कि अगर निर्माण न रोका तो वह आत्मदाह करेंगे। पहले भी 1988 में बिजली महादेव परिसर में हेलीपैड बनाना था, लेकिन उस दौरान भी त्रासदी आई थी। अब रोपवे निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। हम किसी भी सूरत में रोपवे को लगने नहीं देंगे।
विनेंद्र जंबाल कारदार बिजली महादेव के बोल
देव आदेश हुआ है कि छह माह तक मंदिर में कोई भी कार्य नहीं होगा। सावन माह में भी मंदिर बंद रहेगा। बाहर से ही भक्त दर्शन कर सकते हैं।