हिमखबर डेस्क
पिछले कई दशकों से उत्तरी हिमाचल के मुख्यालय का प्रतिनिधित्व कर रहा धर्मशाला शहर अब प्रदेश का दूसरा राज्य मुख्यालय बनने लगा है। 15 विधानसभा क्षेत्रों वाला कांगड़ा जिला सत्ता के संचालन में बड़ी भूमिका में रहता है। विभिन्न विभागों के कुछ राज्य मुख्यालय के कार्यालय यहां खुल जाने से कांगड़ा का कद और बढऩे लगा है।
पिछले कुछ दशकों में धर्मशाला या कांगड़ा के नाम कई तमगे जुड़े हैं। राज्य की शीतकालीन राजधानी और विधानसभा का शीत सत्र यहां पिछले करीब दो दशकों से हो रहा है। प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के राज्य कार्यालय का संचालन भी करीब तीन दशकों से यहां पर हो रहा है। अब दो नए राज्य स्तरीय मुख्यालय यहां शिफ्ट होने से धर्मशाला का कद और अधिक बढ़ जाएगा।
धर्मशाला जल शक्ति, लोक निर्माण विभाग व विद्युत बोर्ड सहित विभिन्न विभागों का उत्तरी क्षेत्र मुख्यालय है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह यहां विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू किया था। इतना ही नहीं, प्रो. प्रेम कुमार धूमल की सरकार में धर्मशाला में सचिवालय भवन बनाया गया। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के समय प्रदेश स्कूल शिक्षा का राज्य मुख्यालय धर्मशाला शिफ्ट हुआ था।
कांगड़ा से भेदभाव के आरोपों पर भी लगेगा विराम
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन निगम और वन विभाग के वाइल्ड लाइफ विंग के राज्य मुख्यालय को धर्मशाला शिफ्ट करने का बड़ा निर्णय लिया है। ऐसा कर सीएम सुक्खू ने कांगड़ा के सियासी समीकरणों को साधने के लिए भी बड़ा दांव खेला है। ऐसा कर सरकार ने विपक्ष के कांगड़ा से भेदभाव के आरोपों पर भी विराम लगा दिया है। कांगड़ाके लोग सरकार के इस निर्णय का स्वागत कर रहे हैं।