चम्बा – भूषण गुरुंग
बाराती एक तरफ से आए और दूल्हा एक तरफ, डेढ़ साल से सुक्खू सरकार सड़क मार्ग खोल नहीं पाई और लोगों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है, मामला हिमाचल प्रदेश के चंबा के डलहौजी का है।
जानकारी के अनुसार, पिछले डेढ़ साल से डलहौजी विधानसभा क्षेत्र का शेरपुर–चौहड़ा मार्ग बंद है और इस कारण स्थानीय लोगों को भारी परेशानी हो रही है। इस मार्ग के बंद होने से न केवल आवागमन ठप हो गया है, बल्कि आम जनजीवन भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
मार्ग बंद होने के बाद जो वैकल्पिक रास्ता लोगों के लिए बचा है, वहां बस सेवा उपलब्ध न होने से लोगों को टैक्सी या निजी वाहन का सहारा लेना पड़ रहा है। आर्थिक रूप से कमजोर ग्रामीणों को मजबूरन रावी नदी के किनारे खतरनाक पैदल रास्ते से गुजरना पड़ता है।
रात के समय यह समस्या और गंभीर हो जाती है—अंधेरा, खराब रास्ता और ऊपर से जंगली जानवरों का डर, लोगों में हर वक्त दहशत बनाए रखता है. किसी के बीमार पड़ने पर समय पर अस्पताल पहुंचना कठिन हो जाता है। शादी-ब्याह जैसी परिस्थितियों में तो दिक्कतें और अधिक बढ़ जाती हैं. बीते रोज एक शादी के दौरान ऐसी ही स्थिति देखने को मिली।
दूल्हे पंकज ठाकुर ने बताया कि रास्ता बंद होने के कारण उसकी बारात दो हिस्सों में बंट गई है। वह खुद तो वैकल्पिक संकरे मार्ग से छोटी गाड़ी में बनीखेत पहुंचा है, लेकिन बारातियों को 30 किलोमीटर घूमकर दूसरी तरफ से बस के जरिये पहुंचना पड़ा। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि जल्द से जल्द इस मार्ग को बहाल किया जाए ताकि लोगों को इस तरह की मुसीबतों का सामना न करना पड़े।
बारातियों को 30 किलोमीटर घूमकर दूसरी तरफ से बस के जरिये पहुंचना पड़ा
स्थानीय लोगों ने बताया कि डेढ़ साल से बंद इस मार्ग ने जीवन मुश्किल कर दिया है। बच्चों को सुबह 6 बजे ही खराब रास्ते से निकलना पड़ता है ताकि समय पर स्कूल पहुंच सकें। बस सुविधा न होने से हर बार टैक्सी करनी पड़ती है, जो गरीब परिवारों के लिए बड़ा बोझ है।
पैदल पुल पार करते समय हर वक्त हादसे और जंगली जानवरों का जोखिम बना रहता है. सबसे बड़ी समस्या यह है कि जब लोग समाधान के लिए विभागों के पास जाते हैं तो PWD इस मार्ग को NHPC का बताते हैं और NHPC इसे PWD का मुद्दा बता देती है। इसी गुमराह करने वाली स्थिति में जनता पिस रही है।
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दिया था आश्वासन
कुछ दिन पहले चंबा दौरे पर आए लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इस समस्या के समाधान का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक मार्ग बहाल नहीं हो पाया है और लोगों की परेशानी उसी तरह बनी हुई है। गौर रहे कि शेरपुर–चौहड़ा मार्ग का बंद होना स्थानीय जनता के लिए जीवनरेखा टूटने जैसा है।अब लोगों को सरकार और जिम्मेदार विभागों से उम्मीद है कि जल्द ही इस महत्वपूर्ण मार्ग को बहाल कर उनकी समस्याओं का अंत किया जाएगा।

