शाहपुर- नितिश पठानियां
पठानकोट-मंडी नेशनल हाईवे निर्माण को लेकर शाहपुर में कवायद तेज हो गई है। बुधवार को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की टीम की ओर से शाहपुर बाजार में भूमि की निशानदेही की गई है। निशानदेही के बाद एक बार फिर स्थानीय दुकानदारों और लोगों ने विरोध में अपने सुर मुखर कर दिए हैं।
दुकानदारों और लोगों का कहना है कि शाहपुर का बाजार करीब 100 साल पुराना है। अगर बाजार से फोरलेन बनाया जाता है तो इसकी हद में करीब 400 के करीब दुकानें और दर्जनों की संख्या में घर आएंगे। हर दुकान में 2 से चार लोग काम करते हैं। अगर शाहपुर के बाजार को उजाड़ा जाता है तो हजारों की संख्या में लोग बेरोजगार और बेघर हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कोटला, गगल, रैत, चंबी और 53 मील में फोरलेन बाजार से न बनाकर बाईपास या फ्लाईओवर बनाने का प्रावधान किया गया है। उसी प्रकार शाहपुर बाजार को न उजाड़ कर बाईपास या फ्लाईओवर बनाया जाए, ताकि हजारों की संख्या में लोग बेघर और बेरोजगार न हो। उन्होंने कहा कि इसे लेकर अगर जल्द पुनर्विचार नहीं किया तो शाहपुर, द्रमण, छतड़ी की जनता एकजुट होकर सड़क पर उतरेगी।
शाहपुर के शिक्षाविद और स्थानीय निवासी नवनीत शर्मा का कहना है कि 2016 में एनएचएआई ने कास्टा इंफ्रास्टचर लिमिटेड से फोरलेन की डीपीआर बनाई थी। उस समय यह प्रावधान किया गया था कि शाहपुर के किसी भी व्यक्ति को विस्थापित नहीं किया जाएगा और किसी भी दुकानदार का रोजगार नहीं छीना जाएगा।
उस समय डीपीआर में शाहपुर में फोरलेन के लिए फ्लाईओवर बनाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन तीन महीने पहले रातोंरात योजना में बदलाव कर शाहपुर बाजार को उजाड़ने की योजना तैयार की गई है।
दुकानदार गुरचरण दास (56) ने बताया कि उनकी दुकान 70 साल पुरानी है। इससे पहले उनके पिता दुकान करते थे। विकास के लिए 100 साल पुराने बाजार की बलि नहीं दी जानी चाहिए। दशकों से दुकान ही परिवार के भरण पोषण का एकमात्र साधन है।
दुकानदार पूर्ण चंद (80) का कहना है कि वे 1950 से यहां पर दुकान कर रहे हैं। अब उनका बेटा मनोज कुमार (48) काम संभाल रहा है। अगर बाजार से होकर फोरलेन बनाया जाता है तो इसकी हद में लगभग 400 दुकानें आएगीं।
दुकानदार सतीश कुमार (60) का कहना है कि वे यहां पर 40 साल से दुकान कर रहे हैं। इस दुकान से पांच लोगों का परिवार चलता है। अगर दुकान फोरलेन की जद में आती है तो सभी की रोजी रोटी छिन जाएगी।
दुकानदार अजय कुमार (56) ने बताया कि उनकी दुकान 70 साल पुरानी है। इसी दुकान पर उनकी दूसरी पीढ़ी रोजी रोटी कमा रही है। अगर यहां से फोरलेन निकाला जाता है, तो पूरा परिवार सड़क पर आ जाएगा।
दुकानदार कमल किशोर (60) ने बताया कि उनकी दुकान पर चार परिवारों की रोजी रोटी निर्भर है। शाहपुर के लोग विकास के विरोधी नहीं हैं, लेकिन हम इसके भी पक्ष में नहीं हैं कि हजारों लोगों का सब कुछ विनाश कर विकास किया जाए।