शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में आउटसोर्स पर तैनात वोकेशनल शिक्षकों को दिवाली पर वेतन के एरियर का भुगतान नहीं हुआ है। इसे लेकर इन शिक्षकों ने कम्पनियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
प्रदेश भर से वोकेशनल शिक्षक चार नवंबर को राजधानी शिमला के चौड़ा मैदान में जुटकर कम्पनियों के विरुद्ध प्रदर्शन करेंगे।
दरअसल दो कंपनियों की ओर से एरियर का भुगतान नहीं होने पर वोकेशनल शिक्षकों की दिवाली फीकी रही और प्रदर्शन के जरिये वे अपना आक्रोश जाहिर करेंगे। प्रदेश के 1200 सरकारी स्कूलों में 2174 वोकेशनल शिक्षक सेवारत हैं।
वोकेशनल शिक्षक संघ के प्रमुख अश्वनी डटवालिया ने बताया कि कंपनियों के तुगलकी फरमानों से व्यावसायिक शिक्षक परेशान हैं। इन कंपनियों की हिम्मत इतनी बढ़ चुकी है कि अब ये कंपनियां सरकार के आदेशों को भी दरकिनार करती नजर आ रही हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इन कंपनियों को आदेश जारी किए थे कि 20 अक्टूबर तक व्यावसायिक शिक्षकों का एरियर जारी कर दिया जाना चाहिए उस के बावजूद भी अभी दो ऐसी कंपनियां हैं जिन्होंने एरियर जारी नहीं किया। इनमें सेंटम और आईसीएसएस कंपनी द्वारा एरियर जारी नहीं किया गया।

ये कंपनियां सरकार के निर्देशों को ताक पर रखकर मनमाने ढंग से वेतन प्रदान करती हैं, जिसकी कोई समय अवधि नहीं है जबकि सरकार ने हर महीने की सात तारीख तक वेतन जारी करने के आदेश जारी किए हैं। फिर भी इन कंपनियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पूरे हिमाचल के कर्मचारियों का वेतन 28 तारीख को जारी करने के आदेश जारी किए ताकि सरकारी और गैर सरकारी कर्मचारी अपनी दिवाली मना सके, लेकिन यहां भी ये कंपनियां अपनी मनमानी कर रही हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि पहले तो ये कंपनियां सिर्फ वोकेशनल शिक्षकों का शोषण करती थी लेकिन अब तो सरकार के आदेशों की अवहेलना करना इनका काम सा बन गया है।
यही कारण है कि अब वोकेशनल शिक्षक चार नवंबर को शिमला के चौड़ा मैदान पहुंच कर अपना प्रदर्शन करेंगे और सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रखेंगे।

