शाहपुर – अमित शर्मा
जिला काँगड़ा के चंगर क्षेत्र में किसान जंगली जानवरों व आवारा पशुओं के आतंक से खासे परेशान हैं। यहां दिन को बंदर सेना और रात को जंगली सुअरों व आवारा पशुओं ने किसानों की नींद हराम कर दी है। जंगली जानवर मक्की की फसलों से भरे खेतों को तबाह कर रहे हैं। आलम इस कद्र है कि कई खेतों में मक्की का नामोनिशान तक नहीं रहा है। ऐसे में दिन रात की मेहनत पर पानी फिरता देख किसान आंसू बहाने को मजबूर हुए हैं।
शाहपुर विधानसभा की मनेई के फ़ौगल गांव में इन दिनों जंगली जानवरों ने खूब तबाही मचाई हुई है।किसानों की मानें तो दिन में बंदरों की फौज खेतों में घुसती है तो रात को जंगली सुअर मक्की की फसल को तबाह कर रहे हैं। किसान दिन-रात की रखवाली के बाद भी अपनी फसल को बचा नहीं पा रहे हैं। खेतों में फसल का नामोनिशान तक नहीं रह रहा है।
ऐसे में किसान खेतों से मक्की की कच्ची फसल काट कर पालतू मवेशियों को चारे में देने को मजबूर हो गए हैं। बंदरों की संख्या कम करने के लिए प्रदेश सरकार की बंदर पकड़ने व नसबंदी करने की योजना भी फेल हो गई है। वन विभाग भी इस दिशा में अब कोई दिलचस्पी नहीं ले रहा है। जिस वजह से किसान खेतीबाड़ी के धंधे से हाथ पीछे खींचने को मजबूर हो गए हैं।
फ़ौगल गांव की सुभाष ने बताया कि बीते रोज जंगली सुअर आधा दर्जन खेतों से मक्की की खड़ी फसल पूरी तरह तबाह कर गए। जिससे खेत पूरी तरह खाली हो गए हैं। उंन्होने बताया कि वे दिहाड़ी मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करते है ऐसे में अब जंगली सुअरों के झुंड ने उनकी फसल को तबाह कर दिया है।
उंन्होने सरकार व प्रसासन ने उचित मुआवजे की मांग उठाई है। आपको बता दें कि चंगर क्षेत्र में मक्की की बम्पर फसल होती थी लेकिन पहले मौसम फिर आवारा पशु ओर अब बंदरों व जंगली जानवरों से लोग परेशान हैं जिससे हर कोई फसल उगाना छोड़ रहा है। इस के सरकार को उचित पग उठाने चाहिए।