ब्यूरो – रिपोर्ट
नेपाल में क्रैश हुए प्लान में सवार सभी यात्रियों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है।
सरकारी अधिकारी ने आज एएनआई को बताया कि बचाव दल ने विमान के मलबे से शव निकाले, जिसमें चार भारतीयों सहित 22 लोग सवार थे।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता फदींद्र मणि पोखरेल ने कहा, कि हमें संदेह था कि विमान में सवार सभी यात्रियों की जान चली गई है।
अभी फिलहाल मिली रिपोर्ट से पता चलता है कि विमान दुर्घटना में कोई नहीं बच सकता, लेकिन आधिकारिक बयान अभी बाकी है।
नेपाल के मस्टैंग जिले के थसांग के सानो स्वरे भीर में 14,500 फीट की ऊंचाई पर दुर्घटनास्थल से 14 शव निकाले गए हैं।
दुर्घटना के बाद की स्थिति को लेकर प्रवक्ता देव चंद्र लाल कर्ण ने एएफपी को बताया कि अब तक 14 शव बरामद किए जा चुके हैं, शेष की तलाश जारी है।
मौसम बहुत खराब है लेकिन हम एक टीम को दुर्घटनास्थल पर ले जाने में सक्षम थे। अभी कोई अन्य उड़ान संभव नहीं है।
विमान के लापता होने के करीब 20 घंटे बाद आज सुबह दुर्घटना स्थल का पता चला। तारा एयर द्वारा संचालित टर्बोप्रॉप ट्विन ओटर 9एन-एईटी विमान रविवार को सुबह करीब 10 बजे पर्यटन शहर पोखरा से उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद संपर्क खो गया था।
कनाडा का विमान पोखरा शहर से मध्य नेपाल के लोकप्रिय पर्यटन शहर जोमसोम के लिए उड़ान भर रहा था।
मुख्य जिला अधिकारी नेत्र प्रसाद शर्मा ने फोन पर एएनआई से पुष्टि की के कि विमान को मस्टैंग में जोमसोम के आसमान के ऊपर देखा गया था और फिर माउंट धौलागिरी की ओर मोड़ दिया गया था, जिसके बाद यह संपर्क में नहीं आया।
इन यात्रियों में चार भारतीयों की पहचान अशोक कुमार त्रिपाठी, उनकी पत्नी वैभवी बांदेकर (त्रिपाठी) और उनके बच्चों धनुष और रितिका के रूप में हुई है। परिवार मुंबई के पास ठाणे शहर में स्थित था।
एक अधिकारी ने कहा कि वैभवी त्रिपाठी की बड़ी बहन ने अधिकारियों से उनकी मां को सूचित नहीं करने का अनुरोध किया है क्योंकि उनकी स्वास्थ्य स्थिति गंभीर है।
नेपाल के गृह मंत्रालय ने लापता विमान की तलाश के लिए मस्टैंग और पोखरा से दो निजी हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं।
एक रिपोर्ट में मिली जानकारी के मुताबिक धौलागिरी क्षेत्र में सुरक्षाबलों और स्थानीय लोगों के समूहों की खोज भी पैदल चल रही हैं।