जालन्धर,भूपिंद्र सिंह राजू
तहसील में किसी न किसी ढंग से जालसाजी व जाली रजिस्ट्रियां करवाने का गौरख धंधा लगातार चलता आ रहा है। अधिकारियों की अनदेखी कारण इस कारोबार पर लगाम लागाम नहीं लग रही है। इसी तरह तहसील के दो लगे भाई इस काम को लम्बे समय से चलाते आ रहे हैं, चाहे कई बार वह फंस भी चुके हैं पर बावजूद इसके उनके मन में गल्त कामों का कोई भय नहीं है। यह दो भाई कोई ओर नहीं बल्कि एक वसीका नवीस व एक नंबरदार की जोड़ी है। इस जोड़ी के कारनामों की लिस्ट काफी लम्बी है।
*नंबरदार व वसीका नवीस होने का उठा रहे फायदा…*
उक्त नंबरदार व वसीका नवीस की जोड़ी इसलिए कामयाब होती आ रही है क्योंकि जहां एक ओर वसीका नवीस गलत ढंग से रजिस्ट्री लिख रहा है, वहीं दूसरी ओर नंबरदार उसी रजिस्ट्री को तस्दीक करके काम को अंजाम दे रहा है जिसके चलते इनके बहुत सारे गलत काम होते आ रहे हैं। इतना ही नहीं उक्त नंबरदार आपने इलाके की गवाहियां डालने की बजाए बाहरी गवाहियां डालने को भी ज्यादा तरजीह देता आ रहा है।
*डीएसपी रैंक के अधिकारी को नहीं बख्शा…*
नंबरदार व वसीका नवीस भाई की जोड़ी ने जिले के एक डीएसपी रैंक के अधिकारी को भी लोहे के चने चबाने से गुरेज नहीं किया। अधिकारी की पावर की प्रवाह किए बिना उसके साथ भी कुछ इस तरह खिलवाड़ किया कि मामला पुलिस तक पहुंच गया। फिल्हाल उक्त मामला भी अभी पैंडिंग चल रहा है।
*मृतक को भी जिंदा कर देते हैं दोनों भाई…*
ताजा मामले अनुसार एक मृतक व्यक्ति को भी जिंदा कर दिया गया है। पता चला है कि इलाके की एक रजिस्ट्री दर्ड की गई है, जिसमें कोई भी कागज असली नहीं लगाया गया। इतना ही नहीं जिस अटारनी से रजिस्ट्री करवाई गई है वह भी जाली है। हैरानी की बात है कि मर चुके व्यक्ति को दोनों बाहई किस तरह अधिकारी के सामने ला कर खड़ा कर देते हैं, वह हैरान करने वाली बात है। इतना ही नहीं अधिकारी इस नंबरदार पर इतना भरोसा करते हैं कि उसके दस्तावेज भी चैक करने की जरूरत नहीं समझते, जिसके चलते वह गलत कामों को अंजाम देता आ रहा है। सूत्रों की मानें तो उक्त नंबरदार व वसीका नवीस ने दफ्तर के कर्लकों से पूरी सांठ गांठ बना रखी है।