शाहपुर – नितिश पठानियां
कांगड़ा लोक साहित्य परिषद के स्वर्ण जयंती वर्ष मे आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के अंतर्गत राज मंदिर परिसर नेरटी में शरद ऋतु अभिनंदन साहित्य संवाद एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन संपन्न हुआ। इसमें मुख्य अतिथि प्रभात शर्मा सेवानिवृत्त सचिव शिक्षा बोर्ड व वरिष्ठ साहित्यकार ने सरस्वती वंदन करते दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण किया।
वरिष्ठ साहित्यकार सुरेश भारद्वाज निराश, डा कंवर करतार, डा युगल डोगरा, सुमन भारद्वाज, रमेश मस्ताना, पवनेंद्र पवन, सतपाल घृतवंशी, दुर्गेश नंदन, नवीन शर्मा विस्मित आदि सम्मिलित रहे।
इस अवसर पर कार्यक्रम अध्यक्ष डाक्टर गौतम शर्मा व्यथित ने सुरेश भारद्वाज के नवप्रकाशित गज़ल संग्रह ‘जिंदगी है चार दिन की’ का विमोचन किया। कवि स्व. मुल्खराज शांतलवी तथा स्व शिव उपाध्याय के कृतित्व और व्यक्तित्व विषय पर दो शोध आलेख प्रस्तुत किए गए।
उपाध्याय के साहित्यिक अवदान पर अपना शोध आलेख प्रस्तुत करते डा व्यथित ने कहा कि उनका नाटक साहित्य यथार्थवादी एसामाजिक विद्रूपदाओं को हास्य .व्यंग्य के चटकारे लेता संप्रेषित करता है । व्यथित ने उनकी बहुचर्चित कविता ‘टुकड़ू बंगड़ुआं दा’ के विविध पक्षों पर विश्लेषणात्मक बात की।
चर्च मे डा युगल डोगरा एडा कंवर करतार, पवनेंद्र पवन, नवीन शर्मा नवीन, रमेश मस्ताना ने कहा कि परिषद ने अपने आयोजनों मे कांगड़ा जनपद के दिवंगत साहित्यकारों के साहित्यिक अवदान पर शोधपरक पत्र प्रस्तुति क्रम शुरु कर एक नया आयाम जोड़ा है ।
संगोष्ठी के दूसरे चरण मे शरद ऋतु अभिनंदन कविता मंच सजा जिसका संचालन साहित्यकार रमेश मस्ताना ने किया। इसमें सतपाल घृतवंशी, नवीन शर्मा विस्मित, डा कंवर करतार, डा युगल डोगरा, दुर्गेश नंदन, सुरेश भारद्वाज निराश, प्रभात शर्मा, पवनेंद्र पवन, गौतम व्यथित, मस्ताना ने काव्य प्रतिभा से रू-ब-रू कराया, जिन्हें खूब दाद मिली।