अब एनसीटीई के सभी रूल्ज होंगे लागू, 15 साल बाद किया संशोधन
शिमला – नितिश पठानियां
प्रदेश के स्कूलों में अब कमीशन आधार पर टीजीटी की भर्ती नए नियमों के तहत होगी। प्रदेश सरकार के प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी है। इसके तहत अब एनसीटीई नियम ही इन भर्तियों पर लागू होगा। करीबन 15 साल बाद भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में संशोधन किया गया है।
इससे पहले साल 2009 में टीजीटी कमीशन की भर्तियों के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियम बने थे, लेकिन अलग-अलग कैडर की भर्ती में आर एंड पी रुल्स भी अलग थे। इसी के चलते बहुत से मामले कोर्ट केस में फंसे थे। नए नियमों का सामान्य वर्ग के उन अभ्यर्थियों को भी फायदा है जिनके ग्रेजुएशन में 50 फीसदी अंक नहीं हैं।
अब सभी कैडर स्ट्रैंथ के लिए एक समान आर एंड पी रूल्स लागू होंगे। प्रदेश के स्कूलों में टीजीटी कैडर के 14224 पद हैं। अब सभी कैटागिरी यानी मेडिकल, नॉन मेडिकल और आट्र्स संकाय में भर्ती के लिए एक सामान्य नियम लागू होंगे। इसमें तय किया गया है कि टीजीटी कैडर की भर्तियों के लिए यूजी के साथ अब पीजी की डिग्री भी मान्य होगी।
नई शर्तों में एजुकेशन क्वालीफिकेशन में यह तय किया गया है कि टीजीटी की भर्ती के लिए बीए में यदि 50 फीसदी अंक से कम प्रतिशतता है तो पीजी में 55 फीसदी अंक मान्य होंगे। इसके साथ ही जमा दो कक्षा में 50 फीसदी अंकों के साथ बैचलर इन एलिमेंट्री एजुकेशन का चार साल का डिप्लोमा लागू होगा।
इसके साथ ही आवेदन करने वाले अभ्यर्थी के बीए, बीकॉम में 50 फ़ीसदी अंक के साथ एक वर्ष का स्पेशल एजुकेशन का डिप्लोमा भी मान्य होगा। अभ्यर्थियों को टीईटी यानी टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट पास करना जरूरी है।
यह किए बदलाव
अब ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन में से किसी एक में सामान्य वर्ग के लिए 50 फीसदी अंकों की अनिवार्यता होगी। वर्तमान में ये 50 फीसदी सिर्फ यूजी में है। टीजीटी की भर्ती बैचवाइज और कमीशन से आधी आधी होती है। अब जिनके अंक यूजी में 50 फीसदी नहीं हैं, वे पीजी के 50 फीसदी के हिसाब से आवेदन कर सकते हैं।
दूसरा बदलाव रूसा के कारण हुए सब्जेक्ट कंबिनेशन विवाद के कारण जरूरी था। इसमें मेजर और माइनर विषयों के कारण कुछ साल के यूजी छात्र टीजीटी के लिए अपात्र हो गए थे, जिसके बाद ये मामले कोर्ट में भी चले गए थे।