शिमला – नितिश पठानियां
दसवीं और जमा दो कक्षा में खराब रिजल्ट पर शिक्षा विभाग ने सभी जिलों से रिपोर्ट मांगी है। इसमें जीरो रिजल्ट, सब्जेक्ट वाइज 25 फीसदी से कम और 50 फीसदी से कम रिजल्ट पर प्रिंसीपल और हैडमास्टर पर इसकी गाज गिर सकती है। एक हफ्ते में सभी जिलों को यह रिपोर्ट मांगी गई है। इसमें विभाग की वेबसाइट पर दो परफोर्मा भी अपलोड किए गए हैं, जिसमें स्कूल वाइज डिटेल मांगी गई है। इसमें कुल रिजल्ट सहित पास और फेल हुए रिजल्ट की जानकारी देनी होगी।
पहली सूची में दसवीं और 12वीं परीक्षा में 25 फीसदी से कम रिजल्ट की जानकारी देनी होगी, वहीं दूसरी लिस्ट में 50 फीसदी से कम रिजल्ट की जानकारी देनी होगी। इससे पता लगाया जाएगा कि इन स्कूलों में कम परीक्षा परिणाम के क्या कारण रहे।
बीते वर्षों में इन स्कूलों का प्रदर्शन किस प्रकार का था। इसके अलावा तृतीय श्रेणी के अंकों में परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों की संख्या कितनी है, किन क्षेत्रों में ऐसे विद्यार्थी अधिक हैं। इसकी जानकारी भी स्कूलों से मांगी गई है। शिक्षा निदेशक ने बताया कि परीक्षा परिणामों की समीक्षा करने के बाद शिक्षकों से भी जवाबतलबी की जाएगी।
उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्कूलों के शिक्षकों के मॉडल को अन्य स्कूलों से साझा किया जाएगा। कम परिणाम वाले स्कूलों में और अधिक मेहनत की जाएगी। गौर रहे कि बीते साल भी कम रिजल्ट पर शिक्षकों पर कार्रवाई हुई थी और उनकी इन्क्रीमेंट रोक दी गई थी।
क्वालिटी एजुकेशन पर फोकस का सरकार
राज्य सरकार शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है। शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। यही नहीं, शिक्षकों के लिए विदेश दौरे शुरू किए हैं। शिक्षकों ने बीते वर्ष तर्क दिया था कि सरकार की तबादला नीति और विभाग की लापरवाही भी जिम्मेदार है, लेकिन सरकार का शुरू से ही शिक्षा की गुणवता पर पूरा फोकस रहा है।